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PNB घोटाले पर बोले RBI गवर्नर- ‘जहर पीना पड़े, तो इसे फर्ज समझेंगे’

पीएनबी फ्रॉड मामले के बारे में उर्जित पटेल कहा कि ये घोटाला ‘ऑपरेशनल फेल्योर’ का नतीजा है

Published
भारत
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को पीएनबी घोटाले पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ये बैंकिंग फ्रॉड 'ऑपरेशनल नाकामी' का नतीजा है. उन्होंने कहा कि कोई भी बैंकिंग रेग्युलेटर सभी फ्रॉड्स को पकड़ नहीं सकता या उन पर रोक नहीं लगा सकता है. आपराधिक जांच और जुर्माने जैसी कार्रवाई से घोटालेबाजों पर लगाम लगाई जा सकती है.

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पीएनबी के ऑपरेशन की नाकामी

पीएनबी घोटाले के सामने आने के बाद उर्जित पटेल ने पहली बार सार्वजनिक मंच पर इस मुद्दे पर बात की है. गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी बैंकिंग रेगुलेटर सभी फ्रॉड्स पर रोक नहीं लगा सकता. पीएनबी फ्रॉड के बारे में पटेल कहा कि ये घोटाला 'ऑपरेशनल फेल्योर' का नतीजा है, जो आरबीआई के दिशानिर्देशों के बावजूद इंटरनल प्रोसेस की नाकामी की वजह से हुआ. इस मामले में आरबीआई का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अपनी मौजूदा लीगल पावर्स के तहत हर संभव कार्रवाई की.

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'नीलकंठ' बनने को तैयार

एक कार्यक्रम के दौरान उर्जित पटेल ने कहा कि कई कारोबारी हैं, जो बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से देश को लूटने में लगे हुए हैं. इससे देश का नुकसान हो रहा है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर को इस स्थ‍िति से बाहर निकालने के लिए आरबीआई के लोग हमेशा तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा कि अगर आरबीआई को 'नीलकंठ' बनकर बैंकिंग सेक्टर को बचाने के लिए जहर भी पीना पड़ेगा, तो इसके लिए तैयार रहेंगे.

बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी और अनियमितताओं से रिजर्व बैंक में बैठे हम लोगों को भी गुस्सा, दुख और अफसोस होता है. बैंकिंग घोटाले कुछ कारोबारियों और बैंक अधिकारियों की ओर से मिलकर देश के भविष्य पर डाका डालने के समान हैं अगर हमारे ऊपर पत्थर फेंके जाते हैं और हमें नीलकंठ की तरह विष-पान करना पड़े तो हम इसे अपने फर्ज के रूप में स्वीकार करेंगे.
उर्जित पटेल, गवर्नर, आरबीआई

क्या है पीएनबी घोटाला?

इसी साल फरवरी में पंजाब नेशनल बैंक ने सीबीआई को बैंक में 11,400 करोड़ के धोखाधड़ी की जानकारी दी थी. बाद में इस जालसाजी की रकम बढ़कर 12,700 करोड़ रुपए हो गई. ये घोटाला मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ. 2011 से 2018 के बीच हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिग (एलओयू) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई. इस मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं, और फिलहाल दोनों ही देश छोड़कर जा चुके हैं.

(इनपुट: भाषा)

ये भी पढ़ें - मेहुल चोकसी का सीबीआई को जवाब, दिल की बीमारी है इसलिए नहीं आऊंगा

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