रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को सिस्टम से बाहर कर देगा और अपनी खुद डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहा है.
आरबीआई ने डिजिटल करेंसी लाने के लिए बाकायदा कमेटी बना दी है. कमेटी की रिपोर्ट के बाद मुमकिन है रिजर्व बैंक ही पेपर करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी भी जारी करे.
रिजर्व बैंक के मुताबिक अब तक लोगों को वर्चुअल करेंसी के जोखिम पर आगाह किया जा रहा था पर अब एक्शन का वक्त आ गया है.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो के मुताबिक वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी पर दो तरह से हमला किया गया है. पहला तो रिजर्व बैंक की निगरानी वाले सभी वित्तीय संस्थानों से कहा गया है कि वो ऐसे सभी कंपनियों से कारोबारी रिश्ता तोड़ लें जो वर्चुअल करेंसी में काम करती हैं.
रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी के फायदे
डिप्टी गवर्नर कानूनगो के मुताबिक प्राइवेट डिजिटल करेंसी लोगों और अंतरराष्ट्रीय इकनॉमी दोनों के लिए खतरनाक है. लेकिन बैंकिंग रेगुलेटर (रिजर्व बैंक) का मानना है कि अगर वो खुद डिजिटल करेंसी जारी करेगा उसके कई फायदे होंगे.
- डिजिटल करेंसी नए जमाने की करेंसी होगी
- पेपर करेंसी के मुकाबले सस्ती होगी प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
- रिजर्व बैंक जारी करेगा इसलिए इसमें जोखिम नहीं होगा लोगों के फंसने की आशंका नहीं
डिजिटल करेंसी पर निगरानी
डिप्टी गवर्नर कानूनगो ने बताया कि ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी वर्चुअल या डिजिटल करेंसी से लोगों को वित्तीय सिस्टम के दायरे में लाना आसान होगा. इसके साथ ही सिस्टम की कार्यसक्षमता बढ़ेगी. अगर डिजिटल करेंसी जारी हुई तो पेपर करेंसी के अतिरिक्त होगी
क्रेडिट पॉलिसी में बदलाव नहीं
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को क्रेडिट पॉलिसी में दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन कहा कि आगे चलकर महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है. मतलब महंगाई बढ़ने से दरों में बढ़ोतरी की आशंका फिलहाल टल गई लगती है.
रिजर्व बैंक की पॉलिसी की खास बातें
- दरों में बदलाव नहीं, रेपो रेट 6% पर बरकरार
- सीआरआर 4% ही रहेगा
- रिवर्स रेपो रेट- 5.75%
- 2019 की पहली छमाही में महंगाई दर 4.75% से 5.1% का अनुमान
- महंगाई नियंत्रण में है. पॉजिटिव पॉलिसी
महंगाई बढ़ने का खतरा क्यों है?
- क्रूड ऑयल और ट्रेड वॉर
- अनाज की एमएसपी में बढ़ोतरी
- कर्मचारियों के HRA
बैंकों के लिए संदेश
- बैंक अपनी बैलेंस शीट ठीक करें
- रिजर्व बैंक हर छै माह में बैकों की बैलेंस शीट चेक करेगा
रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी में भले बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन रिजर्व बैंक ने पॉलिसी के साथ जो दलीलें, आंकड़े और उम्मीदें सामने रखीं है उससे लग रहा है कि इकनॉमी बेहतरी की तरफ बढ़ रही है.
इसका जश्न शेयर बाजार में भी मनाया. सेंसेक्स करीब 600 प्वाइट उछल गया. खास तौर पर बैंक शेयरों में जोरदार उछाल आया. खासतौर पर सरकारी बैंक को खूब झूमे. स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया समेत सभी सरकारी बैंकों ने 5 परसेंट और ज्यादा की तेजी रही.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)