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ये 7 फूड आइटम आपके दिमाग की ‘बत्ती’ जला देंगे...

हम आपको उन फूड्स की सूची दे रहे हैं, जिन्हें आपको अपनी रोज डाइट में शामिल कर लेना चाहिए

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इंसान का दिमाग बेहद जटिल और व्यस्त अंग है. जब आप खाली बैठे होते हैं या सो रहे होते हैं, तो भी यह लगातार सोचने, प्रोसेसिंग करने, स्टोर करने, ट्रांसमीट करने, सूचना प्राप्त करने और सांस लेने, हार्ट बीट को नियमित करने, संवेदी अंगों में तालमेल बिठाने जैसे जरूरी काम कर रहा होता है.

इन सब कामों में निश्चित रूप से काफी ज्यादा एनर्जी खर्च होती है, लेकिन यह एनर्जी आती कहां से है? जो फूड हम खाते हैं उससे, और फूड की किस्म से ही सारा फर्क आता है.

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दिमाग के लिए सबसे जरूरी न्यूट्रीएंट्स हैंः ओमेगा3, जिंक, बी विटामिंस (खासकर बी12 और बी9), विटामिन डी, कोलिन, ज्यूटिन, प्रोबायोटिक्स, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सिडेंट्स, एमिनो एसिड और आइरन.

यहां हम उन फूड्स की सूची दे रहे हैं, जिन्हें आपको अपनी रोज की डाइट में शामिल कर लेना, चाहिए जिससे कि आपका दिमाग चलता रहे.

1. नारियल तेल

दिमाग बहुत चर्बी वाला अंग है और इसको अपनी खुराक में नारियल तेल बहुत पसंद है. इसमें मौजूद मिडियम चेन ट्राईग्लिसेराइड्स (एमसीटी) की भरपूर मात्रा दिमाग के लिए ईंधन की तरह काम करती है. यह दिमाग की कोशिकाओं को पोषण देती है, रक्त संचार बढ़ाती है और वो सारे अच्छे कोलेस्टेरॉल मुहैया कराता है, जिनकी दिमाग को जरूरत होती है.

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2. नट्स और सीड्स

अखरोट में भरपूर ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो दिमाग में उचित न्यूरॉन कनेक्शन और अवरोध का निर्माण करता है, जो नसों को सुरक्षित रखता है.

3. हल्दी

हल्दी नूट्रॉपिक (स्मार्ट ड्रग) के तौर पर काम करती है, जो दिमाग की क्षमता को बढ़ाती है. यह सप्लीमेंट के तौर पर दवा का काम करती है और आपके दिमाग को समय से पहले बूढ़ा होने से रोकती है. इसमें पाया जाने वाला सक्रिय घटक करक्यूमिन, एंटी-इनफ्लेमेटरी होता है, जो फ्री रैडिकल्स का सफाया करता है.

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4. जड़ी-बूटियां: ब्राह्मी और अश्वगंधा

ब्राह्मी और अश्वगंधा जैसी अनुकूलन गुण वाली जड़ी बूटियां सुरक्षित और प्रभावी हैं, क्योंकि यह शरीर की जरूरत के अनुसार ही अपना काम करती हैं. अश्वगंधा मानसिक स्टेमिना बढ़ाने के लिए जानी जाती है और यह याददाश्त बढ़ाती है. इसी तरह ब्राह्मी से ज्ञानात्मक क्षमता, याददाश्त अच्छी होती है, बुद्धि तेज होती है, मन की शांति बढ़ती है और मूड अच्छा होता है.

चूहों पर अध्ययन में यह पाया गया है कि ब्राह्मी में अलजाइमर बीमारी के लिए जिम्मेदार बीटा एमिलॉयड डिपॉजिट को कम करने की क्षमता है. ब्राह्मी को नियमित रूप से लेने से दिमाग से जुड़ी बीमारियों के पैदा होने की संभावना में काफी कमी आती है.

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5. कोको

चॉकलेट के सबसे शुरुआती और कच्चे रूप कोको में ‘परम आनंद के अणु’ एनन्डमाइड का भंडार होता है, ‘प्रेम का यौगिक’ फेनालेथालिमीन, प्रसन्नता का अणु सेरोटोनिन और एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन होता है, जो सेरोटोनिन का प्रारंभिक रूप है.

इसमें फ्लेवोनॉल्स होता है, जो रक्त संचार दुरुस्त करता है और ध्यान केंद्रित रखने की अवधि बढ़ाता है. इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो फ्री रैडिकल्स का सफाया करने में मददगार होते हैं. इसके साथ ही इसमें मैग्नीशियम खनिज भी होता है, जो सेरोटोनिन के निर्माण के अलावा 300 से अधिक मेटाबोलिज्म क्रियाओं के लिए जरूरी है.

शरीर में मैगनीशियम की कमी से एन्जाइटी, एडीएचडी, बाईपोलर डिसऑर्डर, पैनिक अटैक और सीजोफ्रेनिया हो सकता है.

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6. प्रोबायोटिक्स

खमीर उठा कर तैयार किए गए (फर्मेंटेड) फूड्स जैसे कि चावल की कंजी, किमची, दही, सेब का सिरका आंत के गुड और बैड बैक्टीरिया के बीच संतुलन कायम करता है, जो कि अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. यह विटामिन बी12 के उत्पादन में भी मदद करता है, जो नसों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.

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7. केला

हर जगह आसानी से मिलने वाले केले की ताकत को कम करके मत आंकिएगा. केले में भरपूर विटामिन बी-कॉम्पलेक्स, खासकर बी6 और मैग्नीशियम होता है, जो तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को शांत करता है. इसमें भारी मात्रा में ट्रिप्टोफन भी होता है, जो सेरोटोनिन में परिवर्तित हो जाता है, जिससे आपका मूड अच्छा बनता है.

सही फूड एक तरफ जहां मजबूत मानसिक स्वास्थ्य बनाता है, वहीं कई बार कुछ नहीं खाना और निश्चित अवधि के लिए व्रत रखने का भी बहुत फायदा है. इससे शरीर से सभी तरह के टॉक्सिन की सफाई में मदद मिलती है.

स्वच्छ शरीर का स्वच्छ दिमाग से सीधा संबंध है. व्रत रखने वाले शख्स का अच्छा ध्यान लगता है, सोच स्पष्ट होती है, वह अधिक सकारात्मक होता है और बेचैनी दूर होती है. यानी दिमाग और शरीर अच्छा बनाने के लिए जरूरी है कि सही समय पर सही फूड लिया जाए!

(ल्‍यूक कॉटिन्‍हो अल्‍टरनेटिव मेडिसिन (इंटिग्रेटिव और लाइफस्‍टाइल) में एम. डी. हैं. वे हॉलिस्‍ट‍िक न्‍यूट्रिशनिस्‍ट हैं, जो खास तरीकों से कैंसर के रोगियों की इस बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं.)

[क्‍विंट ने अपने कैफिटेरिया से प्‍लास्‍ट‍िक प्‍लेट और चम्‍मच को पहले ही 'गुडबाय' कह दिया है. अपनी धरती की खातिर, 24 मार्च को 'अर्थ आवर' पर आप कौन-सा कदम उठाने जा रहे हैं? #GiveUp हैशटैग के साथ @TheQuint को टैग करते हुए अपनी बात हमें बताएं.]

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