आम आदमी पर लगातार महंगाई की मार पड़ रही है. सरकार की तरफ से जारी होने वाले आंकड़े खुद इसकी गवाही दे रहे हैं. खुदरा महंगाई दर के बाद अब थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर (wholesale inflation) के आंकड़ों ने लोगों को बड़ा झटका दिया है. थोक महंगाई दर नवंबर के महीने में इस साल के सबसे ऊंचे स्तर 14.23 फीसदी पर पहुंच गई.
खाने-पीने की चीजें हुई महंगी
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि कैसे पिछले एक साल में महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़कर रख दी है. पिछले साल यानी नवंबर 2020 में महंगाई दर 2.29 फीसदी थी. लेकिन एक साल बाद नवंबर 2021 में ये बढ़कर अब 14.23 फीसदी तक पहुंच चुकी है.
सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के साथ ये भी बताया गया है कि महंगाई में आई इस उछाल का कारण क्या रहा. इसमें बताया गया है कि, मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल्स, क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, केमिकल्स एंड केमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई दर बढ़ी है. इसके अलावा खाने-पीने की चीजों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं.
कोरोना महामारी और महंगाई की मार
बता दें कि कोरोना महामारी के बाद से ही नौकरियों की हालत लगातार खराब है. लॉकडाउन के चलते कई लोगों को बेरोजगार होना पड़ा, वहीं जिनकी नौकरियां बची रही, उन्हें आधी सैलरी दी गई. पहले से ही खाली हो चुकी जेब पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है. जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इससे पहले 13 दिसंबर को सरकार ने खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भी जारी किए थे. जिससे भी यही पता चला कि कैसे महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर जहां 4.48 फीसदी थी, वहीं नवंबर के महीने में ये बढ़कर 4.91 फीसदी तक पहुंच गई.
ऐसा नहीं है कि आगे कोई राहत के संकेत मिलते दिख रहे हों. आम लोगों को अभी महंगाई की मार और झेलनी पड़ सकती है. आरबीआई के अनुमान के मुताबिक चौथी तिमाही में महंगाई के आंकड़े और ज्यादा बड़े हो सकते हैं. आरबीआई ने अनुमान लगाया है कि चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.7 फीसदी रह सकती है.
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