राजस्थान में लंबे इंतजार के बाद होने जा रही अध्यापक पात्रता परीक्षा 'रीट' (REET) सरकार की अग्निपरीक्षा बन गई है. परीक्षा को लेकर सरकारी अमले को विधानसभा चुनाव की जैसी ही तैयारियां करनी पड़ रही है. 26 सितंबर को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की तरफ के करवाए जाने वाली इस परीक्षा में बैठने के लिए करीब 17 लाख अभ्यार्थियों ने आवेदन किया हुआ है. इसमें ढाई लाख अभ्यार्थी राजस्थान के आस-पास के राज्यों से हैं. परीक्षा के लिए सरकार ने 33 जिलों की अलग-अलग तहसील में 3,993 परीक्षा केंद्र बनाए हैं. साथ ही परीक्षा के काम में जुटे विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों के अवकाश भी निरस्त कर दिए गए हैं.
राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल को लेकर सक्रिय गिरोहों पर नकले कसते हुए परीक्षा में नकल रोकना सरकारी मशीनरी के लिए चुनौती बना हुआ है. परीक्षा की व्यवस्थाओं का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसे लेकर अधिकारियों की बैठक कर चुके हैं.
साथ ही परीक्षा के दिन यानि 26 सितंबर को यातायात सुचारू रहे इसके लिए प्रमुख बाजार के व्यापारियों ने दुकाने बंद रखने का एलान किया है. सरकार ने परीक्षा के समय पर इंटरनेट पर भी पाबंदी लगाने का एलान कर दिया है.
परीक्षा में अभ्यार्थियों को अपने गृह जिले से अलग जिलों में परीक्षा सेन्टर दिए गए हैं. इसकों देखते हुए सीएम गहलोत ने रीट परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों को निःशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं इसके लिए रोडवेज की सभी बसों को अभ्यार्थियों के लिए रिर्जव कर दिया गया है. इसके अलावा प्राइवेट बसों को भी परीक्षा के दिन अभ्यार्थियों के लिए रिर्जव कर दिया गया है.
नकल पर इतनी सख्ती की नौकरी से धोने पड़ जाएंगे हाथ
परीक्षा में नकल पर रोक लगाने के लिए भी मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देश के बाद सरकार ने नया नियम बनाया है. मुख्यमंत्री ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, डमी कैंडिडेट बैठाने और नकल कराने जैसे प्रकरणों में किसी भी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी की संलिप्तता पाए जाने पर उसे सेवा से बर्खास्त करने के लिए कहा है. अगर नकल के मामले में निजी स्कूल के कार्मिक या स्कूल से जुड़े व्यक्ति की संलिप्तता पाई गई तो संबंधित स्कूल की मान्यता स्थायी रूप से समाप्त करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं.
खाने और ठहराने की व्यवस्था के लिए सामाजिक संगठन आए आगे
परीक्षा की भारी भरकम व्यवस्था में जहां सरकारी महकमे जुटे हैं, वहीं अभ्यार्थियों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था के लिए सामाजिक संगठन आगे आए हैं. सामाजिक संगठनों ने उस दिन के लिए परीक्षा केंद्रों के बाहर खाने और पानी की व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है. समाज की धर्मशालाओं को भी परीक्षा देने आने वाले अभ्यार्थियों के लिए नि:शुल्क ठहरने के लिए रिर्जव कर दिया है.
राजस्थान पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि परीक्षा के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी तैयारियां की गई है. उपलब्ध पुलिस फोर्स को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, प्रमुख कस्बों, बाजारों और परीक्षा केंद्रों पर तैनात किया जाएगा. नकल रोकने के लिए इंटेलिजेंस इनपुट और टेक्नीकल सर्विलांस के आधार पर एसओजी और अन्य एजेंसियां सर्तकता के साथ काम कर रही हैं.
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