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रीगल सिनेमा को हाउसफुल ‘सलामी’, अंतिम शो राजकपूर के नाम

बॉलीवुड के शोमैन यानी राजकपूर को इस थियेटर से गहरा लगाव था. वह अपनी फिल्मों के प्रीमियर को यहां रखते थे

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85 सालों के शानदार सफर के बाद ऐतिहासिक रीगल सिनेमा का सफर थम गया. कनॉट प्लेस के आउटर सर्किल में बने रीगल सिनेमा के आखिरी शो में गुरुवार को राजकपूर की फिल्म 'संगम' दिखाई गई. अंग्रेजों के जमाने में बने इस थिएटर में 8 दशकों के दौरान कई पीढ़ियों ने फिल्में और थियेटर देखे. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अमिताभ बच्चन को अपने दर्शक के तौर पर देख चुका रीगल सिनेमा दिल्ली का बेहद पसंदीदा थियेटर बन चुका था.

बॉलीवुड के शोमैन यानी राजकपूर को इस थियेटर से गहरा लगाव था. वह अपनी फिल्मों के प्रीमियर को यहां रखते थे. राजकपूर के प्रीमियर के दिन रीगल को दुल्हन की तरह सजाया जाता था. 

अब जब यह बंद हो रहा है तो रीगल थियटर में आखिरी शो राजकपूर की मशहूर फिल्म ‘संगम’ का ही रखा गया.

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राजकपूर की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक थी 'संगम'

साल 1964 में 'संगम' फिल्म रिलीज हुई थी. फिल्म में ‘जुबली कुमार' यानी राजेंद्र कुमार और वैजयंती माला के साथ राज कपूर ने अपने अभिनय का जलवा बिखेरा था. इस फिल्म के गाने बेहद लोकप्रिय हुए थे. ‘दोस्त दोस्त ना रहा', ‘मैं क्या करुं राम मुझे बुड्ढा मिल गया' और ‘बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं' ये वो गीत हैं जिन्हें आज भी पसंद किया जाता है. रीगल में इसका आखिरी शो राजकपूर के लिए एक श्रद्धांजलि है.

रीगल थिएटर के मैनेजर रूप घई ने कहा-

यह रीगल परिवार के लिए एक मुश्किल और भावनात्मक समय है. लेकिन इसे रोका भी नहीं जा सकता. सच में यह एक युग के अंत जैसा है.

रीगल सिनेमा के बंद करने के फैसले पर ऋषि कपूर ने कहा कि रीगल, कपूर्स का थियेटर है इसमें उनका काम देखा गया. ‘बॉबी’ का प्रीमियर भी यहीं हुआ. शुक्रिया !

बता दें कि अंतिम दिन होने के बावजूद थिएटर ने अपने टिकट के दामों में इजाफा नहीं किया है. यह अभी भी 80 से 200 रुपये के बीच है. बंद होने के बाद रीगल थियेटर को अब बदल दिया जाएगा और इसे एक मल्टीप्लेक्स बनाया जाएगा.

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