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IRCTC टेंडर घोटाला: लालू, राबड़ी और तेजस्वी को मिली जमानत

लालू के खिलाफ आरोप थे कि उन्होंने आईआरसीटीसी के दो होटलों का ठेका अनियमित तरीक से निजी कंपनी को दे दिया था. 

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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को सोमवार को जमानत दे दी.

विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर आरोपियों को यह जमानत दी. कोर्ट ने 19 जनवरी को इन तीनों को मिली अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ा दिया था, जो आज सोमवार को खत्म हो रही थी. इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी.

यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों का संचालन अनुबंध एक निजी कंपनी को देने में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है.

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जमानत मिलने पर क्या बोले तेजस्वी?

पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिलने पर तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हमें पूरा यकीन है कि हमें न्याय मिलेगा. हमें न्यायपालिका पर विश्वास है.’

क्या है IRCTC घोटाला केस?

मामला आईआरसीटीसी के रांची और पुरी के दो होटलों के रखरखाव का टेंडर 2006 में एक निजी कंपनी को देने से जुड़ा है. सीबीआई के मुताबिक, लालू जब रेलमंत्री थे, तब रेलवे के होटल के आवंटन को लेकर उन्होंने गड़बड़ियां की थीं. आरोपों में ठेके के बदले में रिश्वत के रूप में पटना की प्रमुख जगह पर तीन एकड़ व्यावसायिक जमीन देने की बात कही गई है.

आरोप है कि सुजाता होटल्स को दो होटलों का टेंडर दिए जाने के एवज में पीसी गुप्ता की कंपनी डिलाइट को दो एकड़ जमीन मिली और बाद में ये कंपनी लालू परिवार को ट्रांसफर हो गई. 2010 और 2014 के दौरान जब लालू यादव रेल मंत्री नहीं थे, तब 32 करोड़ रुपये की यह जमीन 65 लाख रुपये में लालू यादव के परिवार की कंपनी मैसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी को ट्रांसफर की गई.

ED की चार्जशीट में क्या है?

ईडी ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. उसने सभी आरोपियों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

सीबीआई ने अप्रैल में आईआरसीटी होटल रखरखाव ठेका मामले में 12 लोगों और दो कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. बाद में इस मामले में 31 को आरोपी बनाया गया.

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