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Remdesivir इंजेक्शन की कमी के बाद सरकार ने लगाई निर्यात पर पांबदी

देश के कई शहरों से रेमडेसिविर इंजेक्शन के कालाबाजारी की खबरें भी आईं थीं.

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देश के अलग-अलग शहरों से कोरोना मरीजों के इस्तेमाल में आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की शॉर्टेज की खबरों के बाद, अब सरकार ने इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. सभी घरेलू मैन्यूफैक्चर्स को कहा गया है कि अपनी कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर इस दवा के स्टॉक से जुड़ी जानकारी शेयर करें. इसके अलावा सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन स्टॉक को वेरिफाई भी करें ताकि इसकी जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके.

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सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और रेमडेसिविर एक्टिव फार्मा इंग्रीडियंस (API) के निर्यात पर पाबंदी लगाई है.

सरकार का अनुमान है कि आने वाले दिनों में रेमडेसिविर इंजैक्शन की डिमांड फिर से बढ़ सकती है. सरकार का फार्मा विभाग घरेलू फार्मा कंपनियों के साथ संपर्क में है ताकि रेमडेसिविर के प्रोडक्शन की योजना बनाई जा सके.

कई शहरों में रेमडेसिविर की कमी की खबरें

कोरोना की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, एबरनाथी, मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, राजकोट के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली रेमडेसिविर की कमी हो रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक महीने के अंत तक इस एंटीवायरल दवा की मांग में तिगुनी बढ़त की उम्मीद करते हुए, महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दवा कंपनियों से प्रोडक्शन में तेजी लाने की गुजारिश की थी.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सरकारें इस दवा को प्रोक्योर कर रही हैं. मध्य प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर कोविड मरीजों के लिए ये इंजेक्शन मुफ्त में देने की योजना है.

रेमडेसिविर की मांग क्यों?

रेमडेसिविर एक एंटीवायरल दवा है, जिसे अमेरिकी दिग्गज दवा कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है. इसे एक दशक पहले हेपेटाइटिस C और सांस संबंधी वायरस (respiratory syncytial viruses या RSV) का इलाज करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसे कभी बाजार में उतारने की मंजूरी नहीं मिली.

'एंटीवायरल दवा' वायरल संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं होती हैं.

लेकिन रेमडेसिविर के संभावित रूप से बहुत सीमित फायदे हो सकते हैं. WHO के ट्रायल से अलग, नवंबर 2020 में द लैंसेट में छपी एक स्टडी से पता चलता है कि दवा हाइपरइनफ्लैमेशन के रिस्क वाले लोगों के लिए प्रभावी है, अगर संक्रमण से 10 दिन पहले दिया जाए. फरवरी की अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन(FDA) की गाइडलाइन बताती है कि रेमडेसिविर के इस्तेमाल से अस्पताल में भर्ती मरीजों के रिकवरी टाइम को कम किया सकता है.

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