दिल्ली की सड़कों पर पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड के साथ-साथ किसानों की ट्रैक्टर परेड भी देखने को मिलेगी. इसमें भारी संख्या में अलग-अलग तरह के रंग-बिरंगे ट्रैक्टर देखने को मिलेंगे. किसान आंदोलन की यह ट्रैक्टर परेड अपने आप में एक रिकॉर्ड बना सकती है. पहली बार ऐसा हो रहा है कि खेत-खलिहान में दौड़ लगाने वाले ट्रैक्टर दिल्ली की सड़कों पर कूच कर रहे हैं. खुद ट्रैक्टर बनाने वालों ने यह नहीं सोचा होगा कि ट्रैक्टर का उपयोग ऐसा भी हो सकता है. आइए जानते हैं ट्रैक्टर के इतिहास और दुनिया के 10 सबसे बड़े निर्माताओं के बारे में...
पहले एक नजर ट्रैक्टर के इतिहास पर
ट्रैक्टर शब्द लैटिन भाषा के trahere ट्रैहेरे से आया है, जिसका मतलब खींचना है. आज के दौर में खेती किसानी में ट्रैक्टर शब्द का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है. खेत बनाने से लेकर फसल की थ्रेशिंग और गोदामों तक पहुंचाने का काम ट्रैक्टर के द्वारा ही होता है.
• खेतों में मशीन इंजन का प्रयोग 19वीं सदी के आरंभ में होने लगा था.
• 1812 में कृषि उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले पहले भाप इंजन का आविष्कार रिचर्ड ट्रेविथिक ने किया था. इसे बार्न इंजन के रूप में जाना जाता था.
• बार्न इंजन का उपयोग मुख्य रूप से मक्का निकालने की मशीन को चलाने के लिए किया जाता था.
• 1890 में जॉन फ्रोलिक ने ट्रैक्टर की एक नई डिजाइन तैयार की थी. उन्होंने भाप के इंजन के रनिंग गियर पर एक सिलेंडर ईंधन वाले इंजन को लगाया और एक अल्पविकसित ट्रैक्टर बनाया जिसे सुरक्षित रूप से लगभग 3 मील प्रति घंटे की गति से चलाया जा सकता था.
• इस प्रकार फ्रोलिक ने इसके डिजाइन को और भी बेहतर बनाया और पहला गैसोलीन व पेट्रोल संचालित ट्रैक्टर का आविष्कार किया.
• मशीनों में तकनीकी सुधार और विकास के कारण 1903 में दो अमेरिकन चार्ल्स डब्ल्यू. हार्ट और चार्ल्स एच. पार्र ने दो-सिलेंडर वाले इंजन का उपयोग करते हुए पहला ट्रैक्टर बनाया था. इनका कृषि कार्यों में जमकर प्रयोग हुआ.
• 1916-1922 के बीच लगभग 100 से अधिक कंपनियां कृषि उपयोग के लिए ट्रैक्टर का उत्पादन करने लगी थीं.
• जॉन डियर ने 1837 में पहला स्टील का हल बनाया और 1927 तक उन्होंने पहले ट्रैक्टर और स्टील के हल संयोजन तैयार किया. जिसका उपयोग उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ खेतों को तीन पंक्तियों में जोतने के लिए भी किया गया.
• 1930 के दशक तक ट्रैक्टरों में स्टील के पहिये होते थे, परंतु इसके बाद इसमें रबर के पहिये लगाये गये. इसके बाद जॉन डियर ट्रैक्टर के मॉडल ‘आर’ को पेश किया गया था, जिसकी शक्ति 40 हॉर्सपावर से अधिक थी और यह पहला डीज़ल ट्रैक्टर भी था.
• आजादी के पहले और आजादी के कुछ समय बाद तक भी भारत में ट्रैक्टर केवल बड़े राज घराने और जागीरदारों तक ही सीमित रहा, उस समय भारत में ट्रैक्टर निर्माण नहीं होता था मुख्य रूप से रूस से ट्रैक्टर का आयात होता था.
• भारत ने ट्रैक्टरों का निर्माण 1950 और 1960 के दशक में शुरू किया था. आज भारत दुनिया का बड़ा ट्रैक्टर निर्यातक देश बन चुका है.
ये हैं दुनिया के शीर्ष 10 ट्रैक्टर निर्माता
1. महिन्द्रा एंड महिन्द्रा: दुनियाभर में महिन्द्रा ट्रैक्टर सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड है. भारतीय ट्रैक्टर निर्माता यह कंपनी दुनियाभर में अपने उच्च क्वॉलिटी के ट्रैक्टर सप्लाई करती है. इस कंपनी को डीमिंग प्राइज और जापान क्वॉलिटी मेडल भी प्राप्त हो चुका है. यह विश्वभर में महिन्द्रा ट्रैक्टर्स, स्वराज ट्रैक्टर्स, महिन्द्रा ट्रैक्टर्स यूएसए, महिन्द्रा गुजरात ट्रैक्टर्स, महिन्द्रा यूएडा ट्रैक्टर्स कंपनी लिमिटेड-जिनमा टैक्टर्स और ट्रिरिन्गो आदि नाम से बिजनेस करती है.
2. जॉन डियर : यह अमेरिका की बहुप्रतिष्ठित ट्रैक्टर निर्माता कंपनी है. यह अपने किसान उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता और आधुनिक तकनीक वाले ट्रैक्टर मुहैया कराती है. इसकी कीमत और खूबियां इसे किसानों के बीच खास बनाती है. यह दुनिया भर में अलग-अलग नाम के साथ बिजनेस करती है. जैसे रिटजेन ग्रुप, नॉरटैक्स, डियर-हिटाची कंट्रक्शन मशीनरी कॉर्पोरेशन, जॉन डियर इलेक्टॉनिक सॉल्यूशन आदि.
3. मैसी फार्ग्युसन : 1953 में स्थापित हुई यह अमेरिकन ट्रैक्टर कंपनी अपने ताकतवर ट्रैक्टर्स के लिए जानी जाती है. यह अपने उपभोक्ताओं को किफायती दर पर ट्रैक्टरों की बड़ी रेंज प्रदान करती है.
4. केस आईएच Case IH : कृषि उपकरणों के उत्पादन के लिए यह कंपनी दुनियाभर में अपना नाम स्थापित कर चुकी है. इसका हेडक्वॉर्टर अमेरिका में है. 1923 में इस कंपनी ने ट्रैक्टर निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा था और 1999 में यह नॉर्थ अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी फार्म उपकरण निर्माता थी.
5. सोनालिका इंटरनेशनल : 1969 में स्थापित यह कंपनी दुनियाभर में अपने ट्रैक्टरों के लिए लोकप्रिय है. यह अपने एडवांस और अगली पीढ़ी के ट्रैक्टर्स के लिए जानी जाती है. इसकी ईंधन खपत कम है.
6. एसकॉर्ट्स ग्रुप : पिछले 60 से अधिक वर्षों से मार्केट में स्थापित यह ग्रुप दुनिया के 62 देशों में अपने ट्रैक्टर सप्लाई करता है. यह अपने भरोसे के कारण जाना जाता है.
7. कुबोटा : इसे KAI के नाम से भी जाना जाता है. 1890 से चल रही यह कंपनी दुनिया की सबसे एडवांस ट्रैक्टर निर्माताओं में से एक है.
8. फेन्डट् Fendt : इस कंपनी के ट्रैक्टर ताकतवर इंजन के लिए जाने जाते है. इसके साथ ही यह कंपनी अपने स्टाइलिश और सुंदर दिखने वाले ट्रैक्टर के लिए भी खास पहचान बनाती है.
9. डियूट्ज फहर Deutz Fahr : यह कंपनी डिमांड और ट्रेंड के अनुसार ट्रैक्टर तैयार करती है. 1968 से बाजार में अपनी पहचान बनाने वाली यह कंपनी अपने खास लुक वाले ट्रैक्टर्स के लिए जानी जाती है.
10. क्लास Claas : यह कंपनी 1913 से मार्केट में है. दुनिया में इनका बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क है. ये नई तकनीक के साथ अपने ट्रैक्टर बाजार में उतारते हैं.
2020 में ऐसा रहा ट्रैक्टर मार्केट
• ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (TMA) के मुताबिक साल 2020 के 11 महीने में ही 8,08,308 टैक्टर बेचे जा चुके है. वहीं, इस दौरान कुल 66,887 यूनिट एक्सपोर्ट हुए. जबकि, 2019 में नवंबर तक कुल 7,53,197 ट्रैक्टर ही बिके थे. जिसमें से 72,478 एक्सपोर्ट हुए थे. यानी पिछले साल के मुकाबले 55 हजार ज्यादा ट्रैक्टर बिके.
• महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने दिसंबर 2020 में पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा ट्रैक्टर बेचे हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर ने दिसंबर 2020 में 22 हजार 417 यूनिट्स ट्रैक्टरों की बिक्री कर 25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. जबकि पिछले साल दिसंबर माह में 17 हजार 991 यूनिट्स बेची गई थी.
• एस्कॉर्ट्स एग्री मशीनरी ने दिसंबर 2020 में 88 फीसदी ज्यादा ट्रैक्टर बेचेे हैं. कंपनी के अनुसार दिसंबर 2020 में उसकी ट्रैक्टर बिक्री 88 प्रतिशत बढक़र 7 हजार 733 यूनिट रही।कंपनी ने दिसंबर 2019 में ट्रैक्टर की 4 हजार 114 इकाई बेची थीं.
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