देश के नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एजुकेशन सेक्टर को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. मांडविया ने बताया है कि मेडिकल की पढ़ाई में अब ओबीसी और कमजोर आय वर्ग यानी EWS के छात्रों को आरक्षण (medical Reservation) दिया जाएगा. इसका ऐलान करते हुए केंद्रीय मंत्री ने ये कहा कि देश के पिछले और कमजोर वर्ग को आरक्षण देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
स्वास्थ्य मंत्री बोले- लिया गया ऐतिहासिक फैसला
हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री का पद संभालने वाले मनसुख मांडविया ने ट्विटर पर इस बात का ऐलान किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,
"देश में मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में सरकार द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. ऑल इंडिया कोटे के तहत अंडरग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट, मेडिकल तथा डेंटल शिक्षा में OBC वर्ग के छात्रों को 27% व कमजोर आय वर्ग (EWS) के छात्रों को 10% आरक्षण दिया जाएगा. इस निर्णय से मेडिकल तथा डेंटल शिक्षा में प्रवेश के लिए OBC तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाले 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे. देश में पिछड़े तथा कमजोर आय वर्ग के उत्थान के लिए उन्हें आरक्षण देने को सरकार प्रतिबद्ध है."
इसी साल से लागू होगा आरक्षण
इस आरक्षण को लेकर एक विस्तृत प्रेस रिलीज भी जारी की गई है. जिसमें बताया गया है कि इसी साल यानी एकेडमिक ईयर 2021-22 से ये नियम लागू होगा. जैसा कि मंत्री ने कहा है, ठीक वही इसमें भी बताया गया है कि सरकार गरीबों और पिछड़े वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसीलिए ये आरक्षण देने का फैसला लिया गया. इसमें ये भी बताया गया है कि मोदी सरकार के आने के बाद कितनी एमबीबीएस सीटों को बढ़ाया गया है.
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 2014 से लेकर अब तक 6 सालों में कुल 56 फीसदी एमबीबीएस सीटों को बढ़ाया गया है. जहां 2014 में कुल एमबीबीएस सीटों की संख्या 54,348 थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर 84,649 कर दिया गया है. साथ ही पीजी सीटों की संख्या को 80 फीसदी तक किया गया है.
बता दें कि पिछले लंबे समय से लगातार मेडिकल परीक्षाओं में आरक्षण की मांग की जा रही थी. इसे लेकर कई बार छात्रों ने ट्विटर पर ट्रेंड भी चलाए. लेकिन अब सरकार ने इस पर फैसला लिया है. इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने ट्वीट किए और इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया.
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