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जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों में ढील के कुछ ही घंटे बंद फिर सख्ती

कश्मीर में फिर सख्ती

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कश्मीर में पाबंदियों में ढील के कुछ ही घंटे बाद फिर सख्ती कर दी गई. अधिकारियों ने इसकी वजह घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखना बताया है. जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के सलाहकार विजय कुमार ने कहा, “क्योंकि हमें कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, इसलिए हमें कम्युनिकेशन चैनल पर पाबंदियों में दी गई ढील पर दोबारा सख्ती करनी पड़ी है. दुरुपयोग रोकने के लिए कम्युनिकेशन चैनलों के इस्तेमाल पर रोक लगानी पड़ी. हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द सभी कम्युनिकेशन चैनल खोल दिए जाएं.”

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सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया, 18 अगस्त को जिन इलाकों में पाबंदियों में ढील दी गई थी वहां किसी घटना की कोई रिपोर्ट नहीं है. हालांकि जहां पाबंदियों में ढील नहीं दी गई थी वहां 2-3 गड़बड़ी की बहुत मामूली रिपोर्ट मिली है. स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने इसे निपटा दिया है.

उन्होंने ये भी कहा, “हमें रिपोर्ट मिली है कि कुछ इलाकों में शरारती तत्व दुकानदारों को दुकानें बंद रखने के लिए मजबूर कर रहे हैं. उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी. हम कोशिश करेंगे कि लैंडलाइन सेवा जल्द से जल्द बहाल हो जाए.

बता दें, एक दिन पहले घाटी के कुछ इलाकों में पाबंदियों में ढील के बाद विरोध प्रदर्शन की खबर आई थी. घाटी में करीब एक दर्जन स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल भी हो गए. हिंसा की इन घटनाओं के बाद 18 अगस्त को घाटी के कुछ हिस्सों में प्रतिबंधों को फिर कड़ा कर दिया गया. सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, घाटी में छह स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें आठ लोगों को चोटें आईं.

35 पुलिस थाना क्षेत्रों में दी गई थी ढील

17 अगस्त को कश्मीर घाटी के 35 पुलिस थाना क्षेत्रों में पाबंदियों में ढील दी गई थी, जबकि कुल 96 टेलीफोन एक्सचेंज में से 17 को बहाल कर दिए गए थे. अधिकारियों ने बताया था कि घाटी में अब 50,000 लैंडलाइन फोन काम कर रहे हैं. इसके अलावा दूसरे इलाकों में भी सेवा बहाल कर दी जाएगी.

रोहित कंसल ने बताया था कि कश्मीर के सिविल लाइंस, छावनी, एयरपोर्ट, राजबाग और जवाहर नगर जैसे कुछ इलाकों में लैंडलाइन सेवा बहाल कर दी गयी थी लेकिन लाल चौक और प्रेस एनक्लेव जैसे इलाकों में सेवा बहाल नहीं हुई थी.

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