आरजेडी (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को चारा घोटाले के पांचवे केस में दोषी करार दिया गया है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव को 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी. तब तक उन्हें झारखंड के रिम्स अस्पताल भेज दिया गया है. इससे पहले चारा घोटाले से ही जुड़े चार और मामलों में लालू को सजा हो चुकी है. फिलहाल वो जमानत पर जेल से बाहर थे.
1996 से चल रहे इस मामले में अब तक बहुत कुछ हो चुका है. लालू कई बार जेल गए हैं और कई बार बाहर आये हैं तो आइए जानते हैं कि इस केस में कब-कब क्या-क्या हुआ?
पहले ताजा मामला समझिए
चारा घोटाले के पांच मामलों में लालू प्रसाद यादव को अभियुक्त बनाया गया था. चार मामलों में पहले ही फैसला आ चुका है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था. ये मामला रांची के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. 1996 में दर्ज हुए इस मामले में 170 लोग आरोपी थे. जिसमें से 55 की मौत हो चुकी है, जबकि सात को सीबीआई ने सरकारी गवाह बनाया और दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष मान लिया था.
इस केस में कब क्या हुआ?
जनवरी 1996: पशुपालन विभाग में चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे ने छापेमारी की, जिसके बाद ये घोटाला सामने आया.
मार्च 1996: सीबीआई ने FIR दर्ज की (तब बिहार और झारखंड दोनों एक राज्य थे)
जून 1997: सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में पहली बार लालू प्रसाद को इस मामले में आरोपी बनाया गया था.
जुलाई 1997: लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद लालू की पत्नी राबड़ी देवी राज्य की मुख्यमंत्री बनीं.
अक्टूबर 2001: बिहार का विभाजन हुआ और एक नए राज्य झारखंड बना जिसके कारण मामला झारखंड उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया.
फरवरी 2002: विशेष सीबीआई अदालत ने चारा घोटाला मामले में अपनी सुनवाई शुरू कर दी.
सितंबर 2013: लालू प्रसाद की पहली सजा चाईबासा कोषागार मामले में 37.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से निकासी से संबंधित थी. लालू को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के कारण पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई.
दिसंबर 2013: सुप्रीम कोर्ट ने लालू को जमानत दे दी.
दिसंबर 2017: विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अदालत ने देवघर कोषागार से 89.27 लाख रुपये की धोखाधड़ी से निकासी से संबंधित दूसरे घोटाले के मामले में दोषी ठहराया. लालू को इस मामले में 3.5 साल जेल की सजा सुनाई गई. हालांकि, 3.5 साल की सजा का आधा हिस्सा पूरा करने के बाद उन्हें पिछले साल जुलाई में जमानत दे दी गई.
जनवरी 2018: 33.13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से निकासी से संबंधित चाईबासा कोषागार मामले में लालू को तीसरी सजा सुनाई गई. इसमें लालू को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई.
मार्च 2018: विशेष सीबीआई अदालत ने लालू को दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका कोषागार से धोखाधड़ी से 3.76 करोड़ रुपये की निकासी से संबंधित घोटाला मामले में साजिश और भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत दोषी ठहराया. जेल की सजा सुनाई गई और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
अप्रैल 2021: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू को जमानत दे दी.
बता दें कि लालू करीब एक साल पहले ही उन्हें खराब स्वास्थ्य के कारण कोर्ट ने जमानत मंजूर की थी. अब उन्हें फिर से न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला हो चुका है.
लालू को किस केस में कितनी सजा?
चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के आरोप में लालू यादव को 5 साल की सजा हुई.
देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के आरोप में लालू को 3.5 साल की सजा हुई.
चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के आरोप में लालू को 5 साल की सजा मिली
दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई.
30 जुलाई 1997
लालू पहली बार 135 दिनों के लिए जेल गए.
28 अक्टूबर 1998
लालू 73 दिनों के लिए जेल गए.
5 अप्रैल 2000
लालू 11 दिनों के लिए जेल गए.
28 नवंबर 2000
एक दिन के लिए लालू को जेल जाना पड़ा.
3 अक्टूबर 2014
लालू 70 दिनों के लिए जेल गए.
23 दिसंबर 2017
लालू को छठी बार जेल हुई.
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