बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा मंगलवार को एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए. इससे ठीक पहले उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर कहा कि वह सत्य पर टिके हुए हैं और आने वाले वक्त में उनका पक्ष भी दुनिया के सामने आ जाएगा.
मैं ईडी ऑफिस 13वीं बार जा रहा हूं, लगभग 80 घंटे उनके हर सवाल का जवाब दिया है, बीच में ही अनावश्यक ड्रामा किया जाता है, मेरी स्वास्थ्य संबंधी निजी जानकारियां सार्वजनिक की जाती हैं जो कि गलत है. मेरा जीवन अलग है और मैंने लगभग एक दशक तक बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, अपने स्वास्थ्य से लापरवाही की है, लेकिन मैं अपना समय उन लोगों के साथ बिताता हूं, जिन्हें जरूरत है, जो बीमार हैं, जो देख नहीं सकते हैं. अनाथ बच्चों के चेहरे पर जो हंसी आती है, उससे मुझे आगे बढ़ने की ताकत मिलती है. शारीरिक स्थितियां बदल सकती हैं, लेकिन दिमाग नहीं बदल सकता. मैं सत्य पर अटल हूं और यह मेरी तरफ से आने वाले समय में एक किताब की तरह होगी जो दुनिया को मेरा नजरिया स्पष्ट और साफ कर सकेगी.रॉबर्ट वाड्रा, बिजनेसमैन
बता दें कि वाड्रा लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर क्षेत्र में 19 लाख पाउंड कीमत की संपत्ति खरीदने को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं. इस बीच सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते 6 हफ्ते के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी. हालांकि, अदालत ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करें.
विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वाड्रा को अमेरिका और नीदरलैंड जाने की अनुमति देते हुए उन्हें यात्रा का कार्यक्रम सौंपने का निर्देश दिया. हालांकि वाड्रा को लंदन जाने की अनुमति नहीं मिली है. दरअसल ईडी ने आशंका जताई थी कि अगर वाड्रा को ब्रिटेन जाने की अनुमति दी गई तो वह सबूतों को नष्ट कर सकते हैं.
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