ADVERTISEMENTREMOVE AD

RRB NTPC: बिहार में ट्रेन फूंकी, UP में हंगामा-छात्रों के प्रदर्शन की वजह क्या?

कई जगहों पर पुलिस को वॉटर कैनन और टियर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. बिहार के सीतामढ़ी में तो पुलिस ने फायरिंग तक कर दी

Updated
भारत
4 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीते कुछ दिनों से बिहार के अलग-अलग जिलों में शुरू हुआ एक छात्र आंदोलन अब देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंच चुका है. अधिकांश जगहों पर इस आंदोलन ने हिंसा का रूप ले लिया है. कहीं छात्र रेल रोक कर पत्थरबाजी कर रहे हैं तो आरा, नवादा और गया जैसे जिलों में ट्रेनों में आग लगा दी गई. कई जगहों पर पुलिस को वॉटर कैनन और टियर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. बिहार(bihar) के सीतामढ़ी में तो प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने फायरिंग तक कर दी. यूपी(UP) के प्रयागराज में प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने लॉज में घुसकर छात्रों को जमकर पीटा.

0

ये पूरा विवाद है क्या और कैसे आंदोलन इतना उग्र बन गया?

दरअसल 28 फरवरी, 2019 को रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड ने NTPC यानी नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी की करीब 35,000 वैकेंसी निकाली थी, जिसके लिए CBT 1 यानी कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट 1 के रिजल्ट 14 जनवरी, 2022 को जारी किए गए. अभ्यर्थियों ने CBT 1 के रिजल्ट में लेवल और पोस्ट वाइज शॉर्टलिस्टिंग की प्रक्रिया पर असंतोष जाहिर किया.

अभ्यर्थियों ने CBT 2 के लिए वैकेंसीज के मुकाबले 20 गुना ज्यादा कैंडिडेट्स की बजाय 20 गुना ज्यादा रोल नंबर सेलेक्ट करने का भी आरोप लगाया यानी एक ही सफल अभ्यर्थी का रोल नंबर एक से ज्यादा जगहों पर मौजूद होना. छात्रों ने कट ऑफ मार्क्स को लेकर भी आपत्ति जताई, साथ ही 10+2 और ग्रेजुएशन लेवल की वैकेंसीज के लिए एक साथ भर्ती प्रक्रिया के बोर्ड के फैसले पर भी सवाल खड़े किए.

अभ्यर्थियों ने ये आरोप लगाया कि इस भर्ती प्रक्रिया में पहले से ही काफी देरी हो चुकी है और अब रेलवे बोर्ड के फैसलों की वजह से और देरी होगी. अभ्यर्थियों का आरोप है कि शॉर्टलिस्टिंग प्रोसेस की वजह से कई सीटें खाली रह जाएंगी, जबकि कई अभ्यर्थियों को मौका भी नहीं मिल पायेगा.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

14 जनवरी को आया परिणाम

14 जनवरी को रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थियों की शिकायतों को देखते हुए रेलवे ने 15 जनवरी को स्पष्टीकरण जारी किया. लेकिन छात्रों ने विरोध जारी रखा और 18 जनवरी को सोशल मीडिया पर एक बड़ा ट्रेंड भी चलाया जिसके बाद रेलवे ने उनके आरोपों पर बिंदुवार जवाब दिए. लेकिन छात्रों ने विरोध जारी रखा. रेलवे ने 21 और 22 जनवरी को फिर से भर्ती प्रक्रिया पर अपना स्पष्टीकरण दिया. इसी बीच 24 जनवरी को रेलवे ने ग्रुप D के 1 लाख से ज्यादा पदों पर होने वाली भर्ती प्रक्रिया को लेकर नया नोटिस जारी किया जिसमें ये बताया गया कि ये परीक्षा 2 चरणों में होगी. उम्‍मीदवारों को पहले CBT 1 क्लियर करना होगा जिसके बाद CBT 2 का आयोजन किया जाएगा

अभ्यर्थियों ने बड़े पैमाने पर रेलवे को पहुंचाया नुकसान

इस नोटिस के बाद सोशल मीडिया पर पहले से ही NTPC के CBT 1 के रिजल्ट को लेकर चल रहा अभियान सड़क पर आ गया. 24 जनवरी की शाम सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी पटना के राजेन्द्र नगर टर्मिनल पहुंचे और NTPC CBT 1 के रिजल्ट और ग्रुप D में CBT 2 जोड़े जाने को लेकर वहां ट्रेन रोककर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी अभ्यर्थी नहीं हटे और पत्थरबाजी शुरू हो गई. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े. देखते ही देखते ये आंदोलन बिहार के कई जिलों में फैल गया. अभ्यर्थियों ने कई जगहों पर हंगामा और आगजनी की. कई जगहों पर उनकी पुलिस से झड़प भी हुई जिसमें पुलिस और अभ्यर्थी दोनों घायल हुए.

अभ्यर्थियों ने बड़े पैमाने पर रेलवे की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया. कई ट्रेनों में आग लगा दी गई, ट्रैक और प्लेटफार्म को नुकसान पहुंचाया गया. कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कई ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा. जिसके बाद 25 जनवरी को रेलवे की तरफ से चेतावनी जारी की गई कि अगर अभ्यर्थी रेलवे के काम में बाधा उत्पन्न करेंगे और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे तो उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें पूरी जिंदगी रेलवे की नौकरी नहीं मिल पाएगी. इसके बाद रेलवे ने एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण जारी किया और बताया कि बोर्ड ने 2019 में जारी नोटिफिकेशन को फॉलो किया है और अभ्यर्थियों की शिकायत वाजिब नहीं है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार की आग पहुंची यूपी

हालांकि, इसके बाद भी प्रदर्शन नहीं रुके. बिहार से निकलकर ये आंदोलन यूपी के कुछ जिलों तक भी पहुंच गया. प्रयागराज में प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों को खोजते हुए पुलिस कई हॉस्टल और लॉज में जा धमकी और छात्रों को बेरहमी से पीटा. इधर बिहार के अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन जारी रहे और आखिरकार 26 जनवरी को रेलवे ने परीक्षाओं को स्थगित करते हुए एक हाई पॉवर कमेटी बनाने का ऐलान किया. ये कमेटी अभ्यर्थियों से शिकायत और सुझाव लेगी, जिसके लिए अभ्यर्थियों को 16 फरवरी तक का समय दिया गया है. इन शिकायतों और सुझावों के आधार पर कमेटी 4 मार्च को अपना रिकमेंडेशन देगी. इस दौरान NTPC के CBT 2 और ग्रुप D के CBT 1 की परीक्षा स्थगित रहेगी.

इस बीच पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कुछ कोचिंग संचालकों पर अभ्यर्थियों को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन प्रदर्शनों में कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच की जा रही है. तीन दिनों से चल रहे इस उग्र आंदोलन के बीच 26 जनवरी को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मीडिया के सामने आए और उन्होंने अभ्यर्थियों से संयम बरतने की अपील की. उन्होंने अभ्यर्थियों की शिकायतों पर बिंदुवार जवाब दिए और साथ ही आश्वासन भी दिया कि उनकी समस्याओं के निदान के लिए कमेटी बनाई गई है इसलिए अभ्यर्थी कानून अपने हाथ में न लें. अभ्यर्थियों की शिकायतें साइड भी कर दें फिर भी सवाल तो पूछे जाएंगे कि जब 2019 आम चुनाव से पहले रेलवे की करीब 1 लाख 40 हजार भर्तियां निकाली गई थीं, तो 3 साल बीत जाने के बाद भी ये भर्तियां अधर में क्यों लटकी हुई हैं?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×