ADVERTISEMENTREMOVE AD

राज्यसभा में गरमागरम बहस- क्या अंग्रेजों से मिल गए थे मुखर्जी ?

1 जुलाई को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में छह महीने राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर बहस हुई

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

1 जुलाई को राज्यसभा में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लेकर जमकर बहस हुई. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मुखर्जी पर मुस्लिम लीग के साथ समझौता करने का आरोप लगाया. जवाब में बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि आनंद शर्मा गलत इरादे से ऐतिहासिक तथ्यों को पेश कर रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी नेता ने कहा, "आनंद शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद मुस्लिम लीग के साथ समझौता करने के बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल के उपमुख्यमंत्री बने थे. मैं इस रिकॉर्ड को सही करना चाहूंगा. बंगाल में जो समझौता हुआ था, वह फजलुल के साथ था. फजलुल हक की कृषक प्रजा पार्टी."

वहीं आनंद शर्मा ने कहा कि साल 1942 में, जब भारत छोड़ो आंदोलन हुआ, तो मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने इसका विरोध करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था. उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने इन राज्यों में सरकार त्याग दी . पंजाब और बंगाल में, वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए वायसराय को प्रस्ताव दिया गया था."

आनंद शर्मा का कहना है कि बाद में बंगाल में बनी सरकार में मुखर्जी को उपमुख्यमंत्री और रहमान को मुख्यमंत्री बनाया गया था. इन दोनों ने वायसराय को भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने के लिए लिखा था. बता दें, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे.

इस जोरदार बहस के अलावा जम्मू-कश्मीर पर आरपीआई (ए) नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले एक अलग तरह की मांग लेकर आए. उन्होंने जम्मू-कश्मीर का नाम बदलकर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख रखने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “कश्मीर में बहुसंख्यक मुस्लिम समाज है जबकि जम्मू में हिंदू बहुसंख्यक समाज और लद्दाख में बौद्ध बहुसंख्यक समाज है. लेकिन इसका नाम सिर्फ जम्मू और कश्मीर है. इसलिए, मैं अपने गृह मंत्री से अपील करता हूं कि वो हमारे बहुजन समाज को अलग न करें और उन्हें सुझाव दें कि राज्य का नाम बदलकर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख रखने के लिए विचार करें."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×