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पालघर में दो साधुओं की हत्या पर RSS चीफ भागवत ने रखी अपनी बात

मोहन भागवत ने कहा कि किसी एक दोषी के लिए पूरे समूह को दोष नहीं देना चाहिए.

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कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ ने दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई. इस घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार और पुलिस पर कई सवाल उठाए गए. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है. अब रविवार (26 अप्रैल) को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी पालघर की घटना पर कई सवाल खड़े किए.

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आरएसएस प्रमुख ने कहा,

‘2 साधुओं की हत्या, क्या यह होना चहिए? क्या कानून व्यवस्था किसी एक के हाथ में लिया जाना चाहिए था? पुलिस को क्या करना चाहिए था? ये सभी चीजें ऐसी हैं जिन पर सोचा जाना चाहिए.’ 

भागवत ने आगे कहा, भारत की 130 करोड़ आबादी भारत माता के संतान और हमारे भाई हैं. इसे हमेशा हमें ध्यान में रखना चाहिए. दोनों ओर से कोई गुस्सा और डर नहीं होना चाहिए. समझदार और जिम्मेदार लोगों को अपने समूहों की रक्षा करें. अगर ऐसा नहीं होता है तो क्या होना चाहिए?

लॉकडाउन में चल रहा संघ का काम

मोहन भागवत ने बताया कि लॉकडाउन में भी संघ का काम सुचारू रूप से चल रहा है. काम बंद है लेकिन उसकी जगह दूसरे काम किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा, कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है. इसके लिए शांति से योजना बनानी होगी. इसके लिए भय की जरूरत नहीं है.

'एक की गलती के लिए सभी को दोषी मत ठहराया जाए'

आरएसएस प्रमुख ने तबलीगी जमात को लेकर स्पष्ट रूप से कहा कि किसी एक की गलती के लिए पूरे समूह को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. भले ही किसी एक ने गलती की हो लेकिन सभी को दोषी मत समझो. कुछ लोग इसका दुरुपयोग करना चाहते हैं. इसी वजह से देश में कोरोना का फैलाव अधिक हुआ है.

भागवत ने कहा, सभी को लगातार कोशिश करने की जरूरत है. कोरोना से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना है, जब तक की यह महामारी खत्म नहीं हो जाता.

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