राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार, 27 नवंबर को जोर देकर कहा कि अगर भारत को भारत रहना है तो उसे हिंदू रहना ही होगा और अगर हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को 'अखंड' बनना ही पड़ेगा.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि इन दिनों हिंदुओं की संख्या और शक्ति कम हो गई है या हिंदुत्व की भावना कम हो गई है.
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि "भारत हिंदुस्थान है और हिंदू और भारत अलग नहीं हो सकते."
“अगर भारत को भारत रहना है तो उसे हिन्दू रहना ही होगा और अगर हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को 'अखंड' बनना ही पड़ेगा.”RSS प्रमुख मोहन भागवत
गौरतलब है कि संघ प्रमुख 26 नवंबर को चार दिवसीय 'घोष शिविर' को संबोधित करने और मार्गदर्शन करने के लिए ग्वालियर पहुंचे हैं. शिवपुरी लिंक रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में घोष शिविर की शुरुआत हुई.
इससे पहले 25 नवंबर को नोएडा में एक किताब के विमोचन के मौके पर भागवत ने भारत को बांटने की बात करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ने बंटवारे के समय एक बड़ा झटका देखा था जिसे भुलाया नहीं जा सकता और जिसे कभी दोहराया नहीं जाएगा.
"भारत की विचारधारा सबको साथ लेकर चलने की है. यह कोई विचारधारा नहीं है जो खुद को सही और दूसरों को गलत मानती है. हालांकि, इस्लामिक आक्रमणकारियों की विचारधारा दूसरों को गलत और खुद को सही मानने की थी. अंग्रेजों की सोच भी एक जैसी थी. यह अतीत में संघर्ष का मुख्य कारण था."RSS प्रमुख मोहन भागवत
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