ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत में मुसलमानों के साथ कभी भेदभाव नहीं हुआ: RSS महासचिव

जोशी ने कहा है कि नागरिकता कानून पर गलत जानकारी फैलाई जा रही है

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग संभावित NRC और NPR को लेकर सरकार का भारी विरोध कर रहे हैं. सरकार अपने बचाव में कह रही है कि विपक्ष नागरिकता कानून पर भ्रम फैला रही है और इससे देश के मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है. अब आरएसएस के महासचिव भैयाजी जोशी ने ये भी बात दोहराई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जोशी ने कहा है कि नागरिकता कानून पर गलत जानकारी फैलाई जा रही है और देश में मुसलमानों के साथ किसी तरह का भेदभाव या पक्षपात नहीं हुआ है.

इस देश में मुसलमानों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं हुआ है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से अगर मुस्लिम भी भारत आते हैं तो उन्हें पहले से मौजूद कानून के तहत नागरिकता मिल सकती है. इसमें क्या दिक्कत है?   
भैयाजी जोशी

नागपुर में संघ के हेडक्वॉर्टर्स में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडारोहण हुआ. इसके बाद जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा,

देश के लिए ये जरूरी है कि विदेशी नागरिकों को यहां नहीं रहने दिया जाए. इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू के साथ-साथ जैन, सिख, बौद्ध और ईसाईयों को भारत का नागरिक बनने का मौका मिलता है. इसलिए इस पर अशांति फैलाना ठीक नहीं है.  
0

'श्रीलंका में कोई धार्मिक उत्पीड़न नहीं'

संशोधित नागरिकता कानून में श्रीलंका को शामिल न किए जाने का मुद्दा संसद में भी उठ चुका है. इसके बारे में जब भैयाजी जोशी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वहां के लोगों को पहले नागरिकता दी गई है लेकिन अभी श्रीलंका में कोई धार्मिक उत्पीड़न नहीं हो रहा है.

'CAA के पीछे की भावना समझनी चाहिए'

नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को लेकर जोशी ने कहा कि इसे संसद के दोनों सदनों ने पास किया है इसलिए सब को इसे मानना चाहिए. जोशी ने कहा, "इसे गंभीरता से समझे बिना गलत जानकारी फैलाई जा रही है. अगर CAA के पीछे की भावना ठीक से समझी जाए तो इसका विरोध नहीं होगा."

सरकार ने कई बार इस मुद्दे पर सफाई दी है, लेकिन कुछ समूह इस कानून के खिलाफ माहौल बना रहे हैं.  
भैयाजी जोशी

RSS इस कानून का बचाव कर रही है और इस पर जागरूकता के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालयों में कई कार्यक्रम आयोजित करने का रही है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×