तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को रैली करने की अनुमति दी थी. 10 फरवरी को मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को निर्देश दिया था कि वह आरएसएस को सार्वजनिक तौर पर राज्य भर के विभिन्न जिलों में रूट मार्च निकालने की अनुमति दे.
30 सितंबर, 2022 को मद्रास हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु पुलिस को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को 2 अक्टूबर के बजाय 6 नवंबर को रैली आयोजित करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था.
2 अक्टूबर, 2022 को रूट मार्च की अनुमति देने से इनकार करने के लिए पुलिस के खिलाफ आरएसएस के तिरुवल्लुर के संयुक्त सचिव आर कार्तिकेयन द्वारा याचिका दायर की गई थी.
मद्रास हाईकोर्ट की तरफ से अनुमति मिलने के बाद नवंबर 2022 में आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु के कुड्डालोर, कल्लाकुरिची और पेराम्बलुर जिलों में अपनी वार्षिक रैलियां कीं.
बता दें कि पिछले साल तमिलनाडु पुलिस ने कई जगहों पर आरएसएस की रैलियों की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसके लिए आरएसएस के पदाधिकारियों ने मद्रास उच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना याचिका दायर की थी.
पिछले साल राज्य सरकार ने क्या कहा था?
पुलिस पक्ष परिषद एलंगो ने कहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ की गई कार्रवाई के कारण कानून-व्यवस्था की संभावित गड़बड़ी के बारे में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने खुद राज्य को इनपुट दिए थे.
पिछले साल जारी तमिलनाडु सरकार की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया था कि चेन्नई उच्च न्यायालय ने आरएसएस मार्च को अनुमति दी है और तमिलनाडु सरकार को आरएसएस मार्च की अनुमति देने पर विचार करने का आदेश दिया है. हालांकि यह कहा जाता है कि कानून और व्यवस्था के मुद्दों के कारण सरकार आरएसएस मार्च के लिए अनुमति देने से इनकार कर रही है.
केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसकी निंदा करते हुए विभिन्न मुस्लिम संगठन पूरे तमिलनाडु में विरोध कर रहे हैं. हाल ही में, तमिलनाडु में विभिन्न आयोजन धार्मिक भावनाओं को भड़का रहे हैं और नियोजित आरएसएस मार्च के उसी दिन कुछ राजनीतिक दलों ने आरएसएस मार्च के खिलाफ ह्यूमन हार्मनी प्रदर्शनों की अनुमति मांगी है. पुलिस दिन-रात काम कर रही है और राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए गश्त कर रही है. इसलिए आरएसएस के मार्च और अन्य संगठित मानव सद्भाव श्रृंखलाओं को अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया है.राज्य सरकार ने अपनी विज्ञप्ति में कहा था
इस आदेश के बाद, विभिन्न DMK गठबंधन दलों जैसे VCK, MDMK और कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार से अनुरोध किया था कि RSS मार्च की अनुमति न दी जानी चाहिए.
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