कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में गंगा के किनारे शवों को दफन करने से लेकर नदी में शव के बहने की खबरें सामने आई थीं, अब आरएसएस ने एसी खबरों को एजेंडा का हिस्सा बताया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सहप्रचारप्रमुख (संयुक्त प्रचार प्रमुख) नरेंद्र कुमार ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि गंगा में लाशें बह रही हैं और नदी के किनारे दफन हैं, यह सब एजेंडा का हिस्सा है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक महर्षि नारद जयंती के मौके पर एक वर्चुअल कार्यक्रम में नरेंद्र कुमार ने कहा, “गंगा में शव 2015 और 2017 में भी देखे गए थे. तब कोई कोविड-19 महामारी नहीं थी. इसलिए उन्हें अब कोविड -19 से जोड़ना स्पष्ट रूप से एक एजेंडे का हिस्सा है.”
बता दें कि आरएसएस नारद मुनि को दुनिया का पहला पत्रकार मानता है और सालाना नारद जयंती मनाता है. इसी मौके पर पत्रकारों को उनके काम के लिए पुरस्कार देता है.
कुमार ने कहा,
“मौजूदा महामारी के दौरान मीडिया ने आमतौर पर अपना काम अच्छा किया है और सिस्टम में समस्याओं को बताना भी ठीक बात है, लेकिन इसे उचित समय पर और सावधानी से किया जाना चाहिए. इससे दहशत नहीं जागरूकता पैदा करनी चाहिए...”
‘मौजूदा परिदृश्य में मीडिया की भूमिका’ पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा कोरोना वायरस महामारी जैसे संकटों से निपटना सिर्फ सरकार या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के हर सदस्य की सामूहिक जिम्मेदारी है.
सकारात्मक वातावरण पर जोर
नरेंद्र कुमार ने पॉजिटिविटी का जिक्र करते हुए कहा,
“ऐसे समय में हमें पत्रकारिता के मूल्यों का पालन करना चाहिए और जो हम कहना चाहते हैं उसे ध्यान से सामने रखना चाहिए. हमें सकारात्मक वातावरण बनाने में भूमिका निभानी चाहिए, समाज का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए और लोगों को प्रेरित करने के लिए अच्छे कार्यों को सामने लाना चाहिए और तभी हम कह सकते हैं कि हम अपना काम ठीक से कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि सच दिखाएं, लेकिन आधा सच नहीं दिखाएं, ये भी मीडिया की जिम्मेदारी है.
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