दिल्ली चुनाव में बीजेपी को अपने भारी-भरकम कैंपेन के बाद भी महज 8 सीट ही मिल पाई. बीजेपी ने गृह मंत्री अमित शाह से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को चुनाव प्रचार में उतार दिया था. यहां तक कि पीएम मोदी ने भी दो रैलियां की थीं. फिर भी बीजेपी को कोई खास फायदा नहीं हुआ. अब आरएसएस ने भी कह दिया है कि हर बार पीएम मोदी और अमित शाह चुनाव जीतने में मदद नहीं कर सकते हैं.
आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर के एक एडिटोरियल में दिल्ली चुनाव नतीजों की समीक्षा की गई है. इसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह हर बार विधानसभा चुनाव जीतने में बीजेपी की मदद नहीं कर सकते हैं और पार्टी को जमीनी स्तर पर संगठन मजबूत न करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है.
2015 के बाद जमीनी स्तर पर संगठन को पुनर्जीवित न कर पाने में पार्टी की नाकामी और चुनाव के आखिरी दौर में प्रचार पर जोर देना, इन्हीं दो कारणों से पार्टी की हार हुई है. स्थानीय आकांक्षाओं के मुताबिक दिल्ली में संगठन को दोबारा बनाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.ऑर्गेनाइजर का एडिटोरियल
आरएसएस ने लिखा कि बीजेपी के 1700 अवैध कॉलोनी को रेगुलर करने के वादे से कोई भी असर नहीं पड़ा.
दिल्ली में AAP की फिर जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर जीत दर्ज कर ली. 11 फरवरी को आए नतीजों में पार्टी को 62 सीटें मिलीं. बीजेपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले अपने आंकड़ों में सुधार किया, लेकिन फिर भी पार्टी सिर्फ 8 सीट ही जीत पाई. कांग्रेस एक बार फिर खाता नहीं खोल पाई.
बीजेपी के कई नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान 'नफरती' भाषण दिए थे. प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर ने शाहीन बाग को लेकर विवादस्पद टिप्पणियां की थीं. गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी रैलियों में शाहीन बाग पर हमला बोला था.
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