भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने 3 मार्च को उन दावों को गलत बताया, जिसमें कहा जा रहा था कि रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) के शहर खार्किव से भारतीयों को सुरक्षित निकलने की सुविधा देने के लिए 2 मार्च को 6 घंटे के लिए युद्ध को रोक दिया था.
गलत दावे पर मीडिया में हो रहा था सरकार का गुणगान
यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने बुधवार, 2 मार्च को दो एडवाइजरी जारी कर वहां फंसे भारतीयों से तुरंत खार्किव छोड़ने की अपील की थी. पहली एडवाइजरी में लिखा था कि
"अपनी सुरक्षा के लिए तुरंत खार्किव छोड़ना होगा. जितनी जल्दी हो सके Pesochin, Babye और Bazlyudovka की ओर आगे बढ़ें. किसी भी तरह उन्हें आज यूक्रेनियन समय के अनुसार 18:00 बजे तक इन सेटलमेंट्स तक पहुंचना होगा"
कुछ ही समय बाद जारी की गई दूसरी एडवाइजरी में खार्किव में बद्तर होती स्थिति को दोहराया गया और एक बार फिर जोर देकर कहा कि भारतीय नागरिकों को "खार्किव को तुरंत छोड़ना चाहिए"
इसके बाद शाम से कई दावे और रिपोर्टें सामने आईं, जिसमें कहा गया था कि रूस ने खार्किव में युद्ध को छह घंटे के लिए रोक दिया था ताकि भारत को शहर से फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा सके.
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार, 3 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि "हमें विशिष्ट इनपुट मिले हैं कि यह रूट उपलब्ध है. हमने अपने नागरिकों को बताया और खुशी है कि कई लोग सुरक्षित पहुंच सके."
उन्होंने आगे कहा कि "यह कहना बिल्कुल गलत है कि कोई बमबारी रोक रहा है या हमारे साथ को-ऑर्डिनेशन में ऐसा कुछ हुआ है."
बुधवार को ही भारतीय पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ कॉल पर बातचीत भी की थी. रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह दूसरा फोन कॉल था.
क्या था दावा ?
यह दावा करते हुए कि रूस ने भारत के लिए युद्ध रोक दिया है, ट्विटर पर कई लोगों ने पीएम मोदी और भारत सरकार की तारीफ करनी शुरू कर दी थी.
बीजेपी के महाराष्ट्र ट्विटर हैंडल ने भी मराठी में एक ट्वीट में यही दावा किया.
कई न्यूज ऑउटलेट्स ने भी रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें दावा किया गया कि पीएम मोदी के कहने पर रूस ने युद्ध को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था. दावा किया गया कि यह "भारतीय कूटनीति की शक्ति" को दिखाता है.
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