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Ukraine से पाकिस्तान, बांग्लादेश के लोगों को भी रेस्क्यू किया गया- पीयूष गोयल

छात्रों का अंतिम बैच युद्ध के केंद्र को छोड़ पश्चिमी यूक्रेन की ओर बढ़ रहा है, वे जल्द ही निकाले जाएंगे- पीयूष गोयल

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यूक्रेन पर रूसी के हमले (Russia attack on Ukraine) के बीच वहां फंसे भारतीय नागरिकों के रेस्क्यू के लिए चलाए गए ऑपरेशन गंगा पर जानकारी देने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बुधवार, 9 मार्च को एक प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता में पीयूष गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पूरी प्रक्रिया की निगरानी की और सिर्फ भारतीय ही नहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के लोगों को भी वापस लाया गया है.

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केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि

“कई देश यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने में विफल रहे. भारत ने फिर भी पड़ोसी देशों के रास्ते अपने नागरिकों को निकाला और लोग अपने पालतू जानवरों को भी वापस लाए. हमने नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश के भी नागरिकों को निकाला”

पीयूष गोयल भारत के रेस्क्यू ऑपरेशन को अमेरिका सहित किसी भी अन्य देश की तुलना में 'अद्वितीय' कहा है. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए सिर्फ यूक्रेन छोड़ने की 'सलाह जारी' की.

"केवल भारत ने ईवेकुएशन के लिए सब कुछ किया है. प्रधान मंत्री ने यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से बात की, और हमारे प्रतिनिधिमंडल को भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजा. इसके अलावा हमारे दूतावासों ने पूरी देखभाल की और ग्राउंड पर व्यवस्था की"
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

विपक्ष पर साधा निशाना

पीयूष गोयल ने दावा किया कि “हमारी पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं ने यूक्रेन में फंसे 18.5 हजार छात्रों के परिवारों से संपर्क किया. उन्होंने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और केंद्र सरकार को अपनी शिकायत भेजी.”

हालांकि दूसरी तरफ उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

"दुर्भाग्य से कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियां यूक्रेन में फंसे लोगों के परिवारों की मदद करने के बजाय गलत सूचना फैला रही थी और लोगों को गुमराह कर रही थी. जबकि पीएम मोदी लगातार यूक्रेन में फंसे भारतीयों के बारे में चिंतित थे.”

यह बयान तब आया है जब भारत यूक्रेन से रेस्क्यू के अंतिम चरण में है. भारत सरकार के अनुसार सूमी से भारतीयों का अंतिम समूह अगले कुछ दिनों में पहुंच जाएगा.

“हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि छात्रों के अंतिम बैच ने युद्ध के केंद्र (पूर्वी यूक्रेन) को छोड़ दिया है और पश्चिमी यूक्रेन की ओर बढ़ रहे हैं, वे जल्द ही पड़ोसी देशों में प्रवेश करेंगे और वहां से निकाले जाएंगे”

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