भारत दौरे पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्जी लेवरोव ने 6 अप्रैल को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की. बैठक के बाद लेवरोव और जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि किन मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान सर्जी लेवरोव ने साफ किया कि रूस और चीन के बीच 'कोई सैन्य गठबंधन' नहीं है.
लेवरोव ने कहा, "मॉस्को सिर्फ समावेशी सहयोग चाहता है और सैन्य गठबंधन को हित में नहीं मानता."
“हमने ये द्विपक्षीय संबंधों में तय किया था कि रूस और चीन के संबंध इतिहास में अब तक सबसे अच्छे स्तर पर हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल सैन्य गठबंधन के लिए नहीं किया जाएगा.”सर्जी लेवरोव, रूस के विदेश मंत्री
रूस और चीन के बीच सैन्य गठबंधन भारत के लिहाज से अच्छा नहीं होगा. इस पर सर्जी लेवरोव ने कहा कि 'हमारे भारतीय दोस्तों का नजरिया भी हमारे जैसा ही है." लेवरोव ने कहा, "हम मानते हैं कि गठबंधन से फायदा नहीं होगा."
S-400 वेपन सिस्टम पर कुछ स्पष्ट नहीं
भारत और रूस दोनों के विदेश मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में S-400 वेपन सिस्टम की डिलीवरी के सवाल को टाल दिया. इस सिस्टम की डिलीवरी लंबे समय से लंबित है. हालांकि, दोनों देशों ने सैन्य-तकनीकी सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया.
भारत ने रूस से एंटी-एयरक्राफ्ट S-400 वेपन सिस्टम खरीदा है और इसकी डिलीवरी दिसंबर में होनी है. लेकिन इस डील पर अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा है. ऐसे ही प्रतिबंध तुर्की पर भी लगाए गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के समय भारत को अमेरिका के 2017 के एक कानून से छूट नहीं मिली थी. ये कानून रूस से मिलिट्री हार्डवेयर खरीदने वाले देश पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान करता है.
जयशंकर ने कहा कि S-400 वेपन सिस्टम पर बातचीत इस साल होने वाली रक्षा मंत्रियों की मुलाकात में होगी.
अफगान शांति प्रक्रिया पर भी बातचीत हुई
रूस के विदेश मंत्री सर्जी लेवरोव ने कहा कि अफगानिस्तान के गृह युद्ध के हल में धार्मिक और नस्लीय समूहों का संतुलन होना चाहिए. लेवरोव ने कहा कि कोई भी समूह अंतिम हल से बाहर नहीं रहना चाहिए.
लेवरोव ने कहा कि भारत और रूस एशिया-पैसिफिक में स्थिरता और कनेक्टिविटी के लिए काम कर रहे हैं.
“तालिबान आंदोलन अफगान समाज का हिस्सा है. अफगानिस्तान के हल में सभी राजनीतिक, नस्लीय और धार्मिक समूहों की हिस्सेदारी होनी चाहिए. वरना हल स्थिर नहीं होगा.”सर्जी लेवरोव, रूस के विदेश मंत्री
जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में और उसके आसपास के स्टेकहोल्डर के हितों को भी 'ध्यान' में रखने की जरूरत है.
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