कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. देश में वैक्सीन की किल्लत को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. अब ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ के राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस नेता के बयान पर सीधा-सीधा कमेंट करने से बचते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि वो अमेरिका में चर्चा करने आए हैं, न कि विवादों का आदान-प्रदान करने. राहुल गांधी ने 28 मई को एक प्रेस मीट में ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ को लेकर सरकार पर निशाना साधा था.
विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी यात्रा पर हैं. न्यूज एजेसीं ANI के मुताबिक, राहुल गांधी के बयान पर सवाल पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा,
“मैं यहां अमेरिकी यात्रा पर चर्चा करने आया हूं. हम गंभीर विषयों पर चर्चा कर रहे हैं. मैं यहां राजनीतिक विवाद का आदान-प्रदान करने के लिए नहीं हूं. जब मैं देश छोड़ता हूं तो ऐसा नहीं करता और मैं उम्मीद करता हूं कि दूसरे लोग इसे समझेंगे.”
“वैक्सीन डिप्लोमेसी कर रही सरकार”
शुक्रवार को एक प्रेस मीट में राहुल गांधी ने वैक्सीन की किल्लत को लेकर सरकार को घेरा था. कांग्रेस नेता ने कहा था, “विदेश मंत्री कह रहे हैं कि भारत ने दूसरे देशों को वैक्सीन मुहैया कराकर नाम कमाया है, वैक्सीन डिप्लोमेसी कर रहे हैं, हिंदुस्तान का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन आज स्थिति क्या है. देश में सिर्फ तीन फीसदी लोगों को ही टीका लगाया गया है, मतलब 97 फीसदी लोगों के संक्रमित होने की संभावना है.”
राहुल गांधी ने कहा था, “आपने दरवाजा खुला छोड़ रखा है और अभी भी बंद नहीं कर रहे. चार अलग-अलग रेट बना रखे हैं. बिजनेस चल रहा है. बाकी देशों में एक रेट है.”
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने वैक्सीन स्ट्रैटेजी को लेकर पीएम मोदी से कहा था कि अगर ये स्ट्रैटेजी नहीं तैयार होगी, तो एक बार नहीं, अनेक बार लोग मरेंगे. एक नहीं, कई वेव आती जाएंगी. राहुल गांधी ने कहा कि हम वैक्सीन कैपिटल होते हुए भी लोगों को वैक्सीन नहीं दे पा रहे हैं.
अमेरिका में वैक्सीन पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात के बाद बताया कि दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर एक उपयोगी चर्चा हुई.
जयशंकर ने ट्वीट में लिखा कि उन्होंने “भारत-अमेरिका वैक्सीन साझेदारी पर भी ध्यान केंद्रित किया है जिसका उद्देश्य पहुंच का विस्तार करना और आपूर्ति सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा, इस समय अमेरिका द्वारा व्यक्त की गई मजबूत एकजुटता की सराहना की.”
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