ADVERTISEMENTREMOVE AD

सबरीमाला में हर उम्र की महिलाओं को एंट्री, SC का ऐतिहासिक फैसला 

सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को एंट्री की इजाजत नहीं है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं की एंट्री की अनुमति दे दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अब मंदिर में हर उम्र वर्ग की महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस खानविल्कर ने कहा, अयप्पा के भक्तों में कोई भेदभाव नहीं.

सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को एंट्री नहीं थी. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने कोर्ट में इस प्रथा को चुनौती दी थी. पांच जजों की संविधान पीठ में 4-1 के बहुमत से फैसला सुनाया गया.

स्नैपशॉट

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

सभी उम्र की महिलाएं अब मंदिर में कर सकेंगी प्रवेश और पूजा

पांच जजों की संविधान पीठ में 4-1 के बहुमत से सुनाया गया फैसला

11:14 AM , 28 Sep

महिलाओं की एंट्री पर रोक असंवैधानिकः सुप्रीम कोर्ट

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

ADVERTISEMENTREMOVE AD
11:12 AM , 28 Sep

महिलाओं की एंट्री पर रोक लैंगिक भेदभावः CJI

“मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लैंगिक भेदभाव है. सबरीमाला मंदिर की परंपरा हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है.”
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा
11:07 AM , 28 Sep

शारीरिक बनावट के आधार पर धार्मिक आजादी से रोकना असंवैधानिक

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर किसी की शारीरिक बनावट की वजह से उसे उसके धार्मिक आजादी से रोकते हैं, तो असंवैधानिक है.

11:02 AM , 28 Sep

भगवान अयप्पा के भक्तों का अलग धर्म न बनाएं

ADVERTISEMENTREMOVE AD

Published: 28 Sep 2018, 8:50 AM IST
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×