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दिल्ली हिंसा को लेकर बादल का हमला, कहा-चुनाव तक सीमित हुआ लोकतंत्र

बादल ने कहा लोकतंत्र केवल लोकसभा और राज्य चुनाव तक दो स्तरों पर मौजूद रह गया है.

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बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने देश की धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र को लेकर सवाल खड़ा किया. दिल्ली हिंसा को उन्होंने दुर्भाग्य बताया है.

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नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है. प्रभावित इलाकों में मंजर बहुत भयावह है. घटना पर प्रकाश सिंह बादल ने शांति की अपील की और कहा अमन के साथ रहना बहुत जरूरी है.

‘संविधान में तीन बातें लिखी है, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र. लेकिन यहां न धर्मनिपेक्षता है, न ही समाजवाद है और लोकतंत्र केवल लोकसभा और राज्य चुनाव तक दो स्तरों पर मौजूद रह गया है.’
प्रकास सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल नेता

NDA के एक और सहयोगी ने उठाई आवाज

शिरोमणी अकाली दल NDA की पहली सहयोगी पार्टी नहीं है, जिसने दिल्ली हिंसा को लेकर आवाज उठाई है. LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी कहा है दिल्ली हिंसा पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. साथ ही चिराग ने कहा कि भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयान पर भी रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा का बयान आया उससे सामाजिक समरसता बिगड़ती है. ऐसे नेताओं पर भाजपा आलकमान को रोक लगानी चाहिए.

मैं इस बात को लगातार कह रहा हूं कि दिल्ली चुनाव हारने की वजह भी ऐसे नेताओं के बयान रहे. जिस तरीके से कपिल मिश्रा पुलिस की मौजूदगी में पुलिस को ही धमकी दे कर गए कि ट्रंप के जाने के बाद हम पुलिस की भी नहीं सुनेंगे, इस तरह के भड़काऊ बयान जनता में न सिर्फ आक्रोश पैदा करते हैं बल्कि उनको उकसाने का भी काम करते हैं.
चिराग पासवान, LJP नेता

इस बीच नीतीश कुमार ने भी बीजेपी से अलग राह जाते हुए बिहार विधानसभा में NPR के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. खास बात ये है कि इसमें बीजेपी को भी उनका साथ देना पड़ा, क्योंकि ये प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास हुआ है. बिहार विधानसभा में NRC के खिलाफ भी प्रस्ताव पास हुआ है.

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