दिल्ली चुनाव से ठीक पहले अकाली दल ने बीजेपी को समर्थन का ऐलान किया है. 29 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने इसका ऐलान किया. इस मौके पर बादल ने कहा कि उनकी पार्टी सभी मुद्दों पर बीजेपी के साथ है. वहीं नड्डा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (SAD) दिल्ली विधानसभा चुनाव में हमारे साथ है.
‘ये कोई राजनीति गठबंधन नहीं है ये एक भावनात्मक गठबंधन है जो राष्ट्रहित और शांति के लिए है. हमने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन कभी नहीं तोड़ा, हमने बस अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था. हम शुरू से सीएए का समर्थन कर रहे हैं.’सुखबीर सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल प्रमुख
SAD नहीं लड़ रही है दिल्ली विधानसभा चुनाव
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि 'बीजेपी नेतृत्व चाहता था कि हम अपना स्टैंड नागरिकता कानून पर बदलें, लेकिन हमने अपना रुख बदलने के बजाए दिल्ली चुनाव में नहीं लड़ने का फैसला किया है.'
शिरोमणि आकाली दल का मानना है कि एनआरसी को लागू नहीं किया जाना चाहिए. हमने सीएए का स्वागत किया, हालांकि हमने इसकी मांग कभी नहीं की, इसमें सभी धर्म को नहीं रखना चाहिए.मनजिंदर सिंह सिरसा, अकाली दल नेता
सभी मुद्दों पर SAD देगी बीजेपी को समर्थन
अकाली दल ने कहा है कि वह बीजेपी को सभी मुद्दों पर समर्थन देगी. पार्टी सीएए पर बीजेपी को पहले ही समर्थन दे चुकी हैं. और आगे भी सभी मुद्दों पर समर्थन देगी.
बता दें सीएए को लेकर ही अकाली दल ने दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. पार्टी ने कहा था कि वह सीएए का समर्थन करती है लेकिन सभी धर्मों को जोड़ने को लेकर पार्टी अपना रुख नहीं बदलेगी. ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या अकाली दल ने सीएए को लेकर अपना रुख बदल लिया है?
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