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पेशी के लिए जेल से निकलेंगे सुब्रत रॉय, SC ने कहा- बेच दो संपत्ति

अप्रैल के पहले सप्ताह में कोर्ट में पेश होने के लिए 2 साल बाद तिहाड़ से बाहर निकलेंगे सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय.

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भारत
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बीते दो सालों से तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में जेल से बाहर आ सकते हैं.

मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने कथित तौर पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के आदेशों का उल्लंघन करने के मामले में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय समेत समूह के दो अन्य निदेशकों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है.

कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को जेल में बंद सुब्रत रॉय के साथ-साथ सहारा समूह के दो निदेशक, रविशंकर दुबे और अशोक रॉय चौधरी को अगले सप्ताह पेश करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को दी सहारा की संपत्ति बेचने की अनुमति

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को सुब्रत रॉय के सहारा समूह की करीब 86 संपत्तियों को बेचने की अनुमति दे दी, जिनका निर्विवाद मालिकाना हक उनके पास है.

आप इस पर काम करना शुरू कीजिए. आप इसके लिए मुक्त हैं. उनके (सुब्रत रॉय) बाहर निकलने का एक मात्रा रास्ता आदेश का पालन है.
कोर्ट ने सेबी से कहा

संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग आम निवेशकों की राशि लौटाने में किया जाएगा. इन संपत्तियों का मूल्य करीब 40 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है. चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर, जस्टिस अनिल आर. दवे और जस्टिस ए.के. सीकरी की बैंच ने सहारा की संपत्तियों को बेचने का निर्देश दिया है.

साल 2014 से तिहाड़ में बंद हैं सुब्रत रॉय

सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय मार्च 2014 से तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए समूह को 10 हजार करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा गया था, जो समूह ने अब तक जमा नहीं किया है. सुब्रत रॉय के अलावा सहारा समूह के दो निदेशक रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी भी जेल में बंद हैं.

समूह को निवेशकों के कथित तौर पर 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने थे. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2012 के आदेश में 15 फीसदी ब्याज के साथ यह राशि निवेशकों को लौटाने के लिए कहा था. सेबी के वकील ने गत महीने समूह पर कुल करीब 36 हजार करोड़ रुपये की देनदारी बकाया होने की बात कही थी.

पूर्व जस्टिस की निगरानी में बेची जाएगी संपत्ति

संपत्तियों को बेचने की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी.एन. अग्रवाल की देख रेख में पूरी की जाएगी और सहारा को संपत्तियों की बिक्री के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी जाती रहेगी.

कोर्ट ने यह भी कहा कि संपत्तियों की बिक्री संबंधित सर्किल दर के 90 फीसदी से कम कीमत पर नहीं बेची जा सकेगी. बिक्री के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है. सहारा ने बिक्री के लिए 86 संपत्तियों के मालिकाना हक जमा कर दिए हैं. अदालत ने सेबी को सहारा की संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने का निर्देश दिया है.

सुब्रत की जेल पर सिब्बल ने उठाया सवाल

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सहारा के वकील कपिल सिब्बल समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल में रखे जाने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा,

दुनिया में कहीं भी इस तरह का मामला सामने नहीं आया है. दुनिया में कहीं भी ऐसा कानून नहीं है, जो बिना आरोप के किसी व्यक्ति को दो साल जेल में रखे जाने की अनुमति दे.

सिब्बल के सवाल पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

सहारा के वकील कपिल सिब्बल के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. जस्टिस ने कहा,

हमें भाषण मत पिलाइए. दुनिया में कहीं भी किसी ने नहीं कहा कि मेरे पास 1,87,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है. मैं किसी भी वक्त भुगतान कर सकता हूं, जबकि वह (सुब्रत रॉय)10 हजार करोड़ रुपये भी भुगतान नहीं कर पा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा समूह की जिन संपत्तियों की बिक्री की जानी हैं, उनमें कुछ फ्लाइट्स, फोर्स इंडिया फॉर्मूला वन टीम में 42.5 फीसदी की हिस्सेदारी, बेंगलुरु में दो संपत्ति, लंदन का ग्रॉसवेनर हाउस होटल, न्यूयॉर्क प्लाजा और ड्रीम न्यूयॉर्क होटल शामिल है.

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