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समझौता एक्सप्रेस बंद होने से टूटी अपनों से मिलने की उम्मीद

पाकिस्तान की ओर समझौता एक्सप्रेस रोकने से दोनों ओर के यात्रियों की मुसीबतें बढ़ीं 

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जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले बाद पाकिस्तान लगातार बदले की कार्रवाई कर रहा है. भारत से अपने राजनयिक रिश्तों को डाउनग्रेड करने के बाद उसने समझौता एक्सप्रेस को रोक दिया है. इससे भारत और पाकिस्तान के बीच यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों का एक दूसरे के यहां आना-जाना फिलहाल रुक गया है.

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भारतीय रेलवे में कहा गया है कि ट्रेन को को वाघा बॉर्डर पर रोक दिया गया है. अब वहां से भारतीय यात्रियों को वापस लाने की कोशिश हो रही है. पाकिस्तान ने कहा है कि समझौता एक्सप्रेस रोक दी गई है. निकट भविष्य में यह जल्दी शुरू नहीं होने वाली.

हजारों की टूटी उम्मीद,रिश्तेदारों से मिलना नहीं होगा मुमकिन

समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के लोगों के लिए अपने रिश्तेदारों से मिलने का जरिया रही है. लेकिन पाकिस्तान सरकार के इकतरफा फैसले ने उन हजारों लोगों को निराश किया है रिश्तेदारों से मिलने के अलावा दोनों ओर के धार्मिक स्थलों के दर्शन करने के लिए लोग इस ट्रेन में सफर करते हैं

पहले भी रोकी जा चुकी है समझौता एक्सप्रेस

यह पहली बार नहीं जब समझौता एक्सप्रेस को रोका गया है. इससे पहले भी पुलवामा अटैक के बाद भारत की ओर से यह ट्रेन रोक दी गई थी. इससे पहले संसद पर आतंकवादियों के हमले के बाद भारत ने 13 दिसंबर 2001 को समझौते एक्सप्रेस पर रोक लगा दी थी. हालांकि तीन साल बाद इसे फिर शुरू कर दिया गया था.

दिसंबर 2007 को बेनजीर भुट्टो पर हुए हमले के बाद भी इस ट्रेन का ऑपरेशन रोका गया था. 2007 में ही दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में बम धमाका हुआ था जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद इसे रोकने की मांग उठी थी लेकिन तब इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया था.
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जुलाई 1972 में भारत और पाकिस्‍तान के बीच अमन-चैन के लिए शिमला समझौता हुआ. इस समझौते में दोनों देशों की सीमा पर ट्रेन समझौता एक्सप्रेस चलाने का फैसला हुआ था.

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