संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 30 जून को विरोध-प्रदर्शन स्थलों पर 'हूल क्रांति दिवस' मनाने का फैसला किया है. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान करीब सात महीने से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसानों के मुताबिक, स्थानीय इलाकों के ग्रामीण और खाप भी विरोध का समर्थन कर रहे हैं.
एसकेएम ने कहा कि 30 जून को जनजातीय क्षेत्रों के सदस्यों को धरना स्थलों पर आमंत्रित किया जाएगा.
एसकेएम ने एक बयान में कहा, “हमने सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर स्थित ग्राम सेलागर के आदिवासियों को अपना पूरा समर्थन दिया है.. जो लोग क्षेत्र में सीआरपीएफ शिविर स्थापित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ लड़ रहे हैं. यह जमीन बिना किसी रेफरल/ग्राम सभा के निर्णय के ली जा रही है.”
बयान में कहा गया, "17 मई को विरोध करने वाले आदिवासियों पर पुलिस की गोलीबारी की भी निंदा की गई, जिसमें तीन आदिवासियों की मौके पर ही मौत हो गई, एक घायल गर्भवती महिला की बाद में मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए और 10 अभी भी लापता हैं."
एसकेएम ने हरियाणा में बीजेपी, जेजेपी नेताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने और इन नेताओं के प्रवेश का विरोध करने का भी फैसला किया है.
इसके अलावा एआईकेएस, एआईएडब्ल्यूयू और सीआईटीयू के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा समूह रविवार को सिंधु सीमा क्षेत्र के विरोध स्थल पर पहुंच गया. इसी तरह और भी कई प्रदर्शनकारी गाजीपुर और टिकरी सीमावर्ती इलाकों में पहुंच रहे हैं.
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