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राजीव गांधी के हत्या मामले में बरी किए गए दोषी संथन का निधन

मई, 1991 को राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की लिट्टे की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी.

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भारत
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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या के मामले में बरी किए गए एक दोषी टी सुथेंद्रराजा उर्फ ​​​​संथन का बुधवार, 28 फरवरी को निधन हो गया. उसने राजीव गांधी के नाम से ही बने चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में अंतिम सांस ली. अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सुबह 7:50 बजे संथन ने अंतिम सांस ली. वो लिवर फेल्योर के साथ क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस से पीड़ित था.

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राजीव गांधी सरकारी अस्पताल के डीन ई थेरानिराजन ने कहा कि संथन को 28 फरवरी की सुबह करीब 4 बजे कार्डियक अरेस्ट हुआ लेकिन सीपीआर (CPR) प्रोसेस के बाद उसकी सांसें फिर से लौट आई थीं. इसके बाद उसे ऑक्सीजन दी गई और वेंटिलेटर पर भी रखा गया था लेकिन संथन को बचाया नहीं जा सका.

संथन के वकील पुगाझेंधी ने कहा कि सुबह करीब 7.50 बजे डॉक्टरों ने पुष्टि कर दी कि संथन की हृदय गति रुकने से मौत हो गई. बता दें कि संथन को गंभीर हालत में राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

राजीव गांधी हत्याकांड

21 मई, 1991 को राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की लिट्टे की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी. एलटीटीई (LTTE) की महिला चरमपंथी धनु ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूए, इसके बाद ही ब्लास्ट हो गया. राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि 45 लोग इस ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हुए.

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साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने छह दोषियों को किया था बरी

11 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था. कोर्ट का आदेश आने के एक घंटे बाद ही उम्र कैद की सजा काट रहे सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया. ये दोषी जो रिहा हुए उनमें संथन, नलिनी, श्रीहरन, रॉबर्ड पायस, जयकुमार और रविचंद्रन थे.

इस रिहाई के दौरान एक पेंच फंसा रह गया. नलिनी और रविचंद्रन को अपने परिवार से मिलने की इजाजत दे दी गई लेकिन बाकी चार को त्रीची सेंट्रल जेल के स्पेशल कैंप में रखा गया था. ऐसा इसलिए था क्योंकि यह चारों श्रीलंका के नागरिक थे. संथन (56 वर्ष) भी इन्हीं में से एक श्रीलंकाई नागरिक था जो लिट्टे का सदस्य था.

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