कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शारदा चिटफंड घोटाला मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने राजीव कुमार को अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए कहा कि यह ऐसा केस नहीं है जिसमें पूछताछ के लिए आरोपी को कस्टडी में लेने की जरूरत हो.
जस्टिस एस मुंशी और जस्टिस एस दासगुप्ता की बेंच ने राजीव कुमार की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा,
अगर राजीव कुमार इस केस को लेकर गिरफ्तार किए जाते हैं, तो उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. उन्हें दो 50-50 हजार के जमानती मुचलकों पर जमानत दी जानी चाहिए. सीबीआई को इस मामले में याचिकाकर्ता को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है.
सीबीआई के सामने आएं राजीव कुमार
कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान राजीव कुमार को भी निर्देश दिया कि वो सीबीआई के सामने पेश हों. कोर्ट ने कहा कि अगर सीबीआई राजीव कुमार को नोटिस जारी करती है तो उन्हें अगले 48 घंटों में एजेंसी के सामने पेश होना होगा. राजीव कुमार फिलहाल पश्चिम बंगाल के सीआईडी डिपार्टमेंट के एडीजी के पद पर कार्यरत हैं.
सारदा चिटफंड घोटाला मामले को लेकर सीबीआई लगातार पिछले कई दिनों से राजीव कुमार की तलाश में जुटी है. इसके लिए सीबीआई ने कोलकाता में कई जगहों पर छापेमारी की. लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा.
क्या हैं आरोप?
कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और आरोपियों की मदद करने का आरोप है. सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने ऊंचे रिटर्न का वादा कर लाखों लोगों को 2500 करोड़ रूपये का कथित रूप से चूना लगाया था. कुमार पर इस मामले में अहम सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है. सीबीआई ने कुछ ही महीने पहले उन पर छापेमारी की थी. तब इसे लेकर काफी बवाल भी खड़ा हुआ. कोलकाता पुलिस ने सीबीआई अफसरों को ही थाने में लाकर खड़ा कर दिया. इस घटना के बाद ममता बनर्जी और केंद्र सरकार में जमकर बहस हुई थी.
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