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शहीद सरज सिंह ने आखिरी बार कहा-सोने जा रहा हूं और हमेशा के लिए खामोश हो गए

सरज सिंह यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले थे. तीन भाइयों में वो सबसे छोटे थे.

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भारत
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क्या पता था फिर कभी बात नहीं होगी.. क्या पता था फिर कभी नींद नहीं खुलेगी.

मैं ठीक हूं, बहुत नींद आ रही है, सोने जा रहा हूं, बाद में बात करता हूं...

ये वो आखिरी लाइन हैं, 26 साल के सरज सिंह की.. जो जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 10 अक्टूबर को शहीद हो गए. सरज ने अपनी शहादत के कुछ ही घंटों पहले फोन पर अपनी पत्नी रंजीत से ये बात कही थी. 10 अक्टूबर की रात करीब आठ बजे सरज ने हमेशा की तरह अपनी पत्नी से बात की और कहा कि वो सोने जा रहे हैं बहुत नींद आ रही है. उनकी पत्नी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि वो अब उनकी आवाज कभी नहीं सुन पाएंगी, इस पल के बाद वो ऐसी नींद में सो जाएंगे, कि फिर कभी लौटकर ही नहीं आएंगे.

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11 अक्टूबर की सुबह जब सरज सिंह के शहीद होने की खबर मिली तो पूरा परिवार सदमे में आ गया, महज 26 साल की उम्र में शहीद हुए सरज सिंह का पूरा गांव गमगीन है, उनकी भाभी बलविंदर कौर से क्विंट ने बात की तो उन्होंने बताया-

कल रात सरज का फोन आया था, बिल्कुल ठीक-ठाक था, हमें किसी ऑपरेशन के बारे में भी नहीं बताया, अपनी पत्नी से बात की और बोला नींद आ रही है सोने जा रहूं, उसके बाद सुबह उसकी मौत की मनहूस खबर मिली. उसकी पत्नी तो ये सदमा बर्दाश्त करने की हालत में भी नहीं है, दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी तीन भाईयों में वो सबसे छोटा सबका प्यारा था.
सरज सिंह की भाभी

सरज सिंह यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले थे. तीन भाइयों में वो सबसे छोटे थे, उनके दोनों बड़े भाई भी आर्मी में है और कश्मीर में ही पोस्टेड हैं. सरज सिंह की भाभी ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए बताया कि उनके पति गुरप्रीत सिंह भी आर्मी मैं हैं और उनकी पोस्टिंग भी कश्मीर में है.

सरज सिंह यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले थे. तीन भाइयों में वो सबसे छोटे थे.

गुरुवार को छुट्टी पर घरवालों के पास जाने वाले थे सरज सिंह

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सरज इसी हफ्ते छुट्टी पर जाने वाले थे, इससे पहले वो जुलाई में छुट्टी पर गए थे. उनके साथ काम करने वाले साथी उनको याद करते हुए बताते हैं वो सरज काफी शर्मीला लड़का था, कभी भी उसके बारे में कुछ भी नहीं सुना, यहां तक मुश्किल वक्त में भी हमेशा मुस्कुराते हुए अपनी ड्यूटी निभाता था.

11 अक्टूबर को जम्मू -कश्मीर के पुंछ जिले आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए थे, जिसमें 26 साल के सरज सिंह भी शामिल थे.सेना को पुंछ जिले के एक जंगल में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने यहां ऑपरेशन चलाया, जिसमें इंडियन आर्मी के पांच जवान शहीद हो गए.

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