सुप्रीम कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज धर्मेश शर्मा को सनसनीखेज उन्नाव रेप केस से जुड़े पांचों मामलों की सुनवाई का जिम्मा सौंपा है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की पीठ ने बंद कमरे में सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट जज धर्मेश शर्मा का नाम तय किया. इसी पीठ ने इन पांच मामलों की सुनवाई लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट से दिल्ली ट्रांसफर की थी.
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘पीड़िता की ओर से देश के चीफ जस्टिस को 12 जुलाई 2019 को भेजे लेटर में लिखी बातों को ध्यान में रखते हुए हम इन मामलों को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट से दिल्ली में सक्षम अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश देते हैं और ये सक्षम अदालत दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में डिस्ट्रिक्ट जज धर्मेश शर्मा की अदालत है.’’
रेप समेत इन पांचों मामलों को ट्रांसफर करने के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पांचवे मामले की जांच सात दिनों में पूरा करने का निर्देश दिया. पांचवां मामला 28 जुलाई के राय बरेली सड़क हादसे से जुड़ा है जिसमें 19 साल की रेप पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जबकि पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गयी.
SC से UP सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव केस से जुड़े हर मामले में सख्त निर्देश दिए. कोर्ट ने पूछा - आखिर हो क्या रहा है इस देश में? कोर्ट के निर्देशों से अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही उन्नाव की बेटी को इंसाफ की उम्मीद जगी होगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की बेंच ने देखिए अपने निर्देश में कितनी सख्त बातें कही हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ शब्दों में रेप से जुड़े मुख्य मुकदमे की सुनवाई 45 दिन के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है.
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