सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति (CEC Appointment) से जुड़े कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट नए कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है. इसको लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने नए कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति दे दी है. मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े नए कानून के अनुसार, इनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित पैनल में अब भारत के चीफ जस्टिस शामिल नहीं होंगे.
याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने याचिका दायर कर इस नए कानून पर स्थगन आदेश जारी किए जाने की मांग की थी. बेंच ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट विकास सिंह से याचिका की एक कॉपी केंद्र सरकार के वकील को देने का निर्देश दिया है.
विकास सिंह ने कोर्ट में कहा "कृपया इस नए कानून पर स्टे लगाएं. ये कानून शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के खिलाफ है."
इसपर कोर्ट ने कहा कि हम दूसरे पक्ष को बिना सुने, ऐसा नहीं कर सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)