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NDA की परीक्षा इसी साल देंगीं महिलाएं, इसे ऐसे टाल नहीं सकते- केंद्र से SC

Supreme Court ने केंद्र की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने 22 मार्च तक का समय मांगा था

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार 22 सितंबर को अपने उस अंतरिम आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें महिला उम्मीदवारों को नवंबर 2021 में होने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी.

रक्षा मंत्रालय ने अकादमी को वर्तमान प्रवेश परीक्षा के माध्यम से महिला उम्मीदवारों को शामिल करने से छूट देने के लिए मंगलवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया.

18 अगस्त को, शीर्ष अदालत ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें महिलाओं को एनडीए में प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी गई थी.

पीठ ने कहा, "एनडीए में महिलाओं के लिए बार नहीं बना सकते." केंद्र ने 8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो एनडीए में महिलाओं को अनुमति देगा.

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कोर्ट ने क्या कहा

मामले की सुनवाई में, रक्षा मंत्रालय ने तर्क दिया कि महिलाओं को शामिल करने की अनुमति देने के लिए आवश्यक कुछ बुनियादी ढांचे और पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण मई 2022 तक इसकी आवश्यकता होगी.

हालांकि, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि वह एक साल तक महिलाओं के प्रवेश को स्थगित नहीं कर सकती.

कोर्ट ने कहा कि सशस्त्र बल आपात स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और उन्हें समाधान के साथ आने में सक्षम होना चाहिए.

लाइव लॉ के अनुसार जस्टिस कॉल ने कहा "सशस्त्र बल आपात स्थिति से निपटते हैं. इसलिए मुझे विश्वास नहीं है कि सशस्त्र बलों की प्रतिक्रिया टीम हालातों से निपटने में सक्षम नहीं होगी.

इस बार बहुत से लोगों ने परीक्षा के लिए नामांकन नहीं किया है. इसलिए संख्या कम हो सकती है. इसलिए परीक्षा छोड़ने के बजाय, उनके लिए कुछ काम करने की कोशिश करें."

इसके अलावा, न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि पीठ ने मंत्रालय द्वारा व्यक्त की गई कठिनाइयों को समझ लिया था. लेकिन वह अपने अंतरिम आदेश से पीछे हट महिलाओं की आशा को वापस नहीं ले सकती थी. जस्टिस कौल ने कहा,

"मैंने आपके हलफनामे को पूरी तरह से समझ लिया है. हम विभिन्न क्षेत्रों की चिंताओं को हमारे सामने रखने के आपके प्रयास की सराहना करते हैं. आपने फिटनेस टेस्ट, आवास, पाठ्यक्रम में बदलाव आदि का उल्लेख किया है. लेकिन जो हमें स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है वह है एक साल तक सब कुछ स्थगित करना. नवंबर में महिलाओं को परीक्षा देने की उम्मीद देकर, हम उस उम्मीद को तोड़ना नहीं चाहते.
लाइव लॉ के हवाले से जस्टिस कौल

हालांकि न्यायाधीश ने कहा कि अदालत 'याचिका का निपटारा नहीं कर रही है' और कहा कि वह इस मामले में मंत्रालय को छूट दे रही है.

न्यायमूर्ति कौल ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, "आइए परिणाम देखें. देखते हैं कि कितनी महिलाएं इसमें शामिल होंगी."

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.

न्यूज़ इनपुट्स- लाइव लॉ

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