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1 सितंबर से खुल सकते हैं स्कूल, शिफ्ट में चलेगी क्लास- रिपोर्ट

अलग-अलग चरणों में खोले जा सकते हैं देशभर में स्कूल

Published
भारत
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कोरोना महामारी के चलते पिछले करीब 6 महीने से स्कूलों पर ताला लगा है. फिलहाल बच्चे अब किसी तरह ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं. लेकिन अब बताया जा रहा है कि सरकार सितंबर से स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार अलग-अलग फेज में स्कूल खोल सकती है और ये 1 सितंबर से शुरू हो सकता है.

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बता दें कि स्कूल खुलने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन अब ये रिपोर्ट बता रही है कि 1 सितंबर से स्कूल खोले जा सकते हैं. इसके मुताबिक 1 सितंबर से लेकर 14 सितंबर तक अलग-अलग चरणों में क्लास के हिसाब से स्कूल खुल सकते हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूल खोलने को लेकर ऐलान इस महीने के आखिरी हफ्ते में जारी होने वाली अनलॉक गाइडलाइन में किया जा सकता है. हालांकि केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर अंतिम फैसला छोड़ सकती है, यानी अगर राज्य सरकार को लगता है कि कोरोना संक्रमण ज्यादा है और बच्चों का स्कूल जाना खतरनाक साबित हो सकता है तो ऐसे में वो स्कूल नहीं खोलने का फैसला ले सकते हैं.
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टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया है कि, जिन राज्यों में कोरोना के काफी कम मामले हैं वो राज्य भी स्कूल खोले जाने को लेकर और सीनियर क्लास के बच्चों को बुलाने को लेकर अपनी बात रख सकते हैं. इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में सचिवों और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने चर्चा की है.

कैसे खोले जाएंगे स्कूल

इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि स्कूल कैसे खोले जा सकते हैं. इसके मुताबिक पहले 15 दिनों में क्लास 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को बुलाया जा सकता है. साथ ही क्लास को सेक्शन के हिसाब से बांटा जा सकता है, यानी एक दिन किस सेक्शन की क्लास होगी और दूसरे दिन किसकी, ये तय किया जाएगा. जैसा कि अगर किसी क्लास में 4 सेक्शन हैं. तो ऐसे में दो सेक्शन की पढ़ाई एक दिन और दूसरे की अगले दिन हो सकती है.

इसके अलावा सभी स्कूलों को सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक और दोपहर 12 से लेकर 3 बजे तक खोला जा सकता है, वहीं पूरे स्कूल में एक दिन में सिर्फ 33 फीसदी स्टाफ और छात्रों को बुलाया जा सकता है.

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अब अगर नीचे की क्लासेस की बात करें तो इसके लिए भी प्लान तैयार किया जा रहा है. 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को बुलाने के बाद नीचे की कुछ क्लासेस के बच्चों को स्कूल बुलाने पर विचार किया जा सकता है. हालांकि अगर ऐसा होता है तो उनकी टाइमिंग काफी अलग हो सकती है.

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