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कितने स्टूडेंट्स ने दीये जलाए,स्कूल HRD मंत्रालय को देंगे रिपोर्ट!

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से स्कूलों और कॉलेजों के नाम एक कथित नया सर्कुलर आया है.

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को रविवार रात 9 बजे मोमबत्ती/दीया जलाने की सलाह देने के एक दिन बाद एक नया दस्तावेज सामने आया है, जिसमें सरकार ने स्कूलों से कथित तौर पर “ 5 अप्रैल को घर पर मोमबत्ती जलाने” में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या के बारे में जानकारी देने को कहा है.

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इसके अलावा, कथित दस्तावेज में स्कूलों से उन शिक्षकों और अभिभावकों की संख्या देने के लिए भी कहा गया है, जिन्होंने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है. यह 3 अप्रैल को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे द्वारा हस्ताक्षरित एक पहले के सर्कुलर के विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि “जैसा कि 3 अप्रैल, 2020 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा संबोधित किया गया है, छात्र 5 अप्रैल, 2020 को रात 9 बजे मोमबत्ती, दीया या फिर मोबाइल फोन के टॉर्च जला सकते हैं."

“यह केवल मोमबत्तियों जलाने के बारे में नहीं है, यह सर्कुलर इस रूप में आया है कि कितने लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है, जो कोरोनोवायरस के इलाज में फायदेमंद माना जाता है. लेकिन मंत्रालय से एक अलग फॉर्म में कुल छात्रों की संख्या मांगी गई है जो मोमबत्ती जलाएंगे हैं, माता-पिता और शिक्षकों की कुल संख्या, जिन्होंने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया हैं... मुझे नहीं लगता कि यह करना सही है...अगर आप हैं एक संख्या के लिए पूछ रहे हैं, तो आप इसे अनिवार्य बना रहे हैं.”
उत्तरी दिल्ली के एक स्कूल के प्रिंसिपल  

HRD मंत्रालय ने क्या कहा था सर्कुलर में

एचआरडी मंत्रालय ने कुछ निजी स्कूलों के साथ, यूजीसी, एनसीईआरटी, एआईसीटीई, एनटीए और केवी को संबोधित करते हुए एक सर्कुलर भेजा था. इसमें तीन बातें कही गई थीं.

1. आरोग्य सेतु ऐप के बारे में जानकारी

2. शरीर की कुदरती रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सामान्य उपाय

3. 5 अप्रैल को रात 9 बजे नौ मिनट के लिए मोमबत्ती जलाने के बारे में निर्देश

ऐप डाउनलोड करने के लिए आईओएस और एंड्रॉइड लिंक के अलावा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सामान्य उपाय के लिए प्रोटोकॉल भी सर्कुलर के साथ अटैच किया गया था, जो ऑनलाइन उपलब्ध है.

सर्कुलर में, जिसमें एचआरडी मंत्रालय में सचिव अमित खरे के हस्ताक्षर हैं, या साथ में अटैच किए गए पत्र में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि इनमें से कोई भी अनिवार्य है.
फिर भी, कई लोगों को लगता है कि शिक्षा निदेशालय ने जो फॉर्म जारी किया है, उसमें इन्हें अनिवार्य बनाया गया है.

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