राजद्रोह कानून पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 5 जजों की संविधान पीठ के मामले में 1962 का फैसला बाध्यकारी है और एक अच्छा कानून बना हुआ है. इस पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है.
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केंद्र का कहना है कि 5 न्यायाधीशों की बेंच का फैसला समय की कसौटी पर खरा उतरा है और आधुनिक संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप आज तक लागू है. केंद्र का कहना है कि तीन जजों की बेंच IPC (देशद्रोह) की धारा 124A की संवैधानिकता की कानूनी चुनौती पर सुनवाई नहीं कर सकती है.
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