सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून (Sedition Law) पर कुछ महीनों तक रोक लगा दी है. राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 124A के प्रावधानों पर पुनर्विचार करने की अनुमति दी है. कोर्ट ने कहा कि जब तक दोबारा इसपर विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक 124A के तहत कोई मामला दर्ज नहीं करना चाहिए.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से 2019 के बीच राजद्रोह कानून के तहत कुल 326 मामले दर्ज किए गए, जिनमें सबसे ज्यादा 54 मामले असम में दर्ज किए गए. कुल मामलों में से 141 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई, जबकि इन छह साल की अवधि के दौरान केवल छह लोगों को दोषी पाया गया.
सुप्रीम कोर्ट का राजद्रोह कानून को लेकर फैसला अहम है, क्योंकि हमने देखा है कि हाल के कुछ सालों में राजद्रोह कानून को किस तरह से हल्के में इस्तेमाल किया गया. उन कुछ बड़े मामलों पर नजर, जहां राजद्रोह की धारा लगाई गई.
JNU में कथित नारेबाजी को लेकर उमर खालिद, कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह
2016 में JNU में संसद हमले के आरोपी अफजल गुरू की बरसी पर कथित 'देशद्रोही' नारे लगाने को लेकर तत्कालीन JNU स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के नेता उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य समेत 10 लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था. उमर खालिद, कन्हैया कुमार और अनिर्बन भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भी भेजा गया था. उमर खालिद पर UAPA भी लगाया गया था.
टूलकिट शेयर करने पर दिशा रवि के खिलाफ राजद्रोह
बेंगलुरू की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान एक टुलकिट शेयर करने को लेकर राजद्रोह के आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया था. दिशा पर राजद्रोर के अलावा आपराधिक साजिश रखने का भी आरोप लगा था. 9 दिनों तक जेल में रहने के बाद दिशा को 23 फरवरी को जमानत मिल गई थी.
पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने पर राजद्रोह
2021 में हुए T20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने पर उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने कश्मीर के तीन स्टूडेंट्स को राजद्रोह के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था.
भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने पर राजद्रोह के आरोपों को खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उचित ठहराया था. CM योगी ने कहा था कि T20 वर्ल्ड कप मैच में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वालों के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया जाएगा.
सरकार की आलोचना पर विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह
अपने यूट्यूब चैनल पर सरकार के कोविड लॉकडाउन को लागू करने के तरीके की आलोचना करने पर दिवंगत पत्रकार विनोद दुआ पर हिमाचल पुलिस ने 2020 में राजद्रोह के तहत केस दर्ज किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में इस मामले को खारिज कर दिया था.
कथित भड़काऊ भाषण को लेकर शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी और यूपी की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में शरीज इमाम को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली के एक कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया था. शरजील इमाम पर UAPA भी लगाया गया है.
लक्षद्वीप के प्रशासक की आलोचना करने पर आएशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल की आलोचना करने पर फिल्ममेकर आएशा सुल्ताना को राजद्रोह के मुकदमे का सामना करना पड़ा था. सुल्ताना को केरल हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत मिली थी.
कथित भड़काऊ भाषण को लेकर शरजील उस्मानी के खिलाफ राजद्रोह
जनवरी 2021 में पुणे में एल्गार परिषद की सभा के दौरान एक भाषण को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने अलीगढ़ मु्स्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट नेता शरजील उस्मानी को गिरफ्तार किया था. उस्मानी पर राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
आरक्षण रैली में हिंसा मामले में हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह
हार्दिक पटेल को 2015 में गुजरात में एक पटीदार आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा मामले में राजद्रोह के तहत गिरफ्तार किया गया था. पटेल ने पाटीदार/पटेल समुदाय के लिए आरक्षण के आंदोलन का नेतृत्व किया था.
CM आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर नवनीत राणा के खिलाफ राजद्रोह
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा करने वालीं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा पर पुलिस ने राजद्रोह की धाराएं लगाई थीं. राणा और उनके विधायक पति को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा था कि उनके बयान 'दोषपूर्ण' हैं, लेकिन राजद्रोह लगाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.
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