पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोरोना वैक्सीन Covishield को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है. सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने मंजरी प्लांट में 50 मिलियन डोज तैयार कर रखी हैं. सरकार ने कह दिया है कि देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो जाएगी. अब बस इन वैक्सीन को पुणे से एयरलिफ्ट किया जाना बाकी है. लेकिन इस काम में देरी हो गई है. वैक्सीन का एयरलिफ्ट अब 48 घंटे के लिए टल गया है.
Covishield का ट्रांसपोर्टेशन पहले 7 जनवरी और फिर 8 जनवरी को शुरू होने की उम्मीद थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की रिपोर्ट के मुताबिक, अब वैक्सीन को 11 जनवरी को एयरलिफ्ट किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि सीरम इंस्टीट्यूट ने ट्रांसपोर्टेशन में देरी की वजह केंद्र सरकार के साथ 'कीमत पर बातचीत' होने से इनकार किया.
“कीमत पर कोई बातचीत नहीं हो रही है. वैक्सीन रोलऑउट कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा. वैक्सीन डोज को ट्रांसपोर्ट किए जाने से पहले कुछ प्रक्रिया पूरी करनी हैं.”सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने TOI से कहा
पुणे से कैसे ट्रांसपोर्ट होगी वैक्सीन?
सीरम इंस्टीट्यूट के पास रेफ्रिजरेटेड ट्रक्स की एक फ्लीट है, जिसमें वो वैक्सीन को कोल्ड पैक में रखकर मंजरी प्लांट से पुणे एयरपोर्ट तक पहुंचा सकता है. साथ ही इन ट्रक्स के जरिए मुंबई जैसी करीबी जगहों पर भी वैक्सीन पहुंचाई जा सकती है.
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे एयरपोर्ट पर अथॉरिटीज कई विकल्पों पर विचार कर रही है, जैसे कि DGCA की इजाजत से घरेलू उड़ानों को कार्गो उड़ानों में बदलना और वैक्सीन के जल्दी ट्रांसपोर्ट के लिए एक खास स्लॉट खोलना.
इंडिगो ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा, "हमारे बिजनेस मॉडल और कॉस्ट लीडरशिप स्ट्रेटेजी को ध्यान में रखते हुए हम अपने विमानों में Covid-19 वैक्सीनों के शिपमेंट को ले जाने का आकलन कर रहे हैं और अपनी क्षमताओं के मुताबिक योगदान देने का वादा करते हैं."
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