प्रोड्यूसर: अभय कुमार सिंह
वीडियो एडिटर: इरशाद आलम
देश के कथावाचकों में मोरारी बापू अलग स्थान रखते हैं. बापू की कथा हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है. बापू अपने तर्कों और आध्यात्मिक ज्ञान के जरिए श्रद्धालुओं की जिज्ञासा को शांत करते हैं.
लेकिन जब एक सेक्स वर्कर के बेटे ने बापू से पूछा कि मेरा जन्म कोठे पर क्यों हुआ है तो एक पल के लिए बापू भी असहज हो गए और बच्चे के सवाल का सही जवाब देने के लिए कई बार सोचना पड़ा. अयोध्या में चल रहे मानस गणिका कार्यक्रम में बापू को हर दिन ऐसे ही सवालों से दो-चार होना पड़ रहा है.
अयोध्या में बापू की मानस गणिका चर्चा में
सियासत में खास अहमियत रखने वाला अयोध्या यूं तो राम मंदिर मुद्दे को लेकर बराबर चर्चे में रहता है, लेकिन इस बार वो सेक्स वर्करों को रामकथा सुनाए जाने को लेकर सुर्खियों में है.
सरयू किनारे खासतौर पर कथावाचक मोरारी बापू ने सेक्स वर्करों के लिए मानस गणिका का आयोजन किया है. इसमें शामिल होने के लिए देश के हिस्सों से सेक्स वर्कर पहुंचीं हैं. देश के अंदर ऐसा पहली बार हो रहा है जब सेक्स वर्करों के लिए इस तरह की धार्मिक पहल की गई है.
अयोध्या में जहां कुछ संत इस पहल का विरोध कर रहे हैं तो एक बड़ा तबका समर्थन कर रहा है. इस कार्यक्रम के जरिए मोरारी बापू ने एक बड़ा संदेश देने के साथ ही देश में एक नई बहस भी छेड़ दी है.
खुद जाकर सेक्स वर्करों को दिया निमंत्रण
मानस गणिका में आने के लिए बापू ने अपने हाथों से सेक्स वर्करों को निमंत्रण दिया. मोरारी बापू खुद मुंबई के कमाठीपुरा की गलियों में घूमे. सेक्स वर्करों से मिले और अयोध्या में होने वाले मानस गणिका में आने का न्योता दिया.
बापू के एक भक्त केशव जालान कहते हैं कि ‘‘सेक्स वर्कर हमेशा ही समाज के हाशिए पर रहती हैं. बापू का प्रयास होता है अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जाए. यही कारण है कि बापू ने सेक्स वर्करों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मानस गणिका का आयोजन किया.’’
आसान नहीं था सेक्स वर्करों को राम कथा सुनाना
मानस गणिका के लिए सेक्स वर्करों को जोड़ना आसान नहीं था. सेक्स वर्करों तक पहुंचने में बापू के भक्तों को कई परेशानियों का सामना करना था. सेक्स वर्कर पहले तो कार्यक्रम में आने के लिए तैयार नहीं थी.
पहला तो उन्हें इस बात का कतई विश्वास नही था कि किसी तरह के धार्मिक और समाज के कथित इज्जतदारों के बीच दिन के उजाले में सम्मान मिलेगा. दूसरा उनके पास कोई फिक्स इनकम नहीं है जो उनके दो-चार दिन वहां रहने से प्रभावित नहीं होगी.
फिर भी मोरारी बापू ने उन्हें मोटिवेट किया तब वो राजी हुईं
बापू कहते हैं कि, ‘‘ये लोग समाज से तिरस्कृत हैं,जिसके लिए समाज भी जिम्मेदार है, यह कथा उनके लिए है. इनके घरों में भी मंदिर है और यह खुद पूजा करती हैं, किसी से करवाती नहीं हैं.’’
कार्यक्रम में पहुंची सेक्स वर्कर अपना सारा दर्द भूल कर अपने प्रति उपेक्षा का भाव रखने वाले लोगों को भी अपने बड़े दिल से माफ करती नजर आईं.
ये अपनी-अपनी सोच है. हम जो हैं वो हैं. हम किसी से कभी नहीं छुपाते कि हम क्या हैं. हम जो हैं सो हैं ये सोच अपनी-अपनी है. आपको अच्छा समझना है या गलत समझना है. हमें बापू की कथा अच्छी लगी है. ये समझने के ऊपर है. बहुत से लोग समझते हैं और बहुत से लोग नहीं समझते.शालू(बदला हुआ नाम),उन्नाव से आई एक सेक्स वर्कर
सम्मान पाकर सेक्स वर्कर खुश
जिस समाज में सेक्स वर्करों के नाम से लोग मुंह सिकोड़ लेते हैं, आज वहां इतना सम्मान पाना किसी सपने से कम नहीं है. अयोध्या में देश के कोने-कोने से आने वाली सेक्स वर्करों ने कभी सोचा भी नहीं था कि सामाजिक तौर पर उन्हें इतना बड़ा सम्मान मिलेगा. बापू ने अपने मंच के ठीक बगल में इन्हें जगह दी है.
“बापू ने बेटी का दर्जा दिया है और बहुत खुशी मिल रही है. इतना मान सम्मान मिल रहा है कि एकदम बच्चों की तरह रख रहे हैं. अपने बापू जी ने इतना सम्मान दिया है लेकिन दूसरे लोगों ने क्या किया है. उसका गलत उपयोग किया है. अपनी खबरें बेचने के लिए अपना चैनल चलाने के लिये सेक्स वर्कर कह दिया है. यह अच्छी बात नहीं है आपको और भी बात कहानी थी अरे तारीफ लिखते कि इतनी लड़कियां शामिल हुई हैं बाबा के दरबार में.‘’सोनी (बदला हुआ नाम), कोलकाता से आई एक सेक्स वर्कर
किन्नरों और डोम समाज के लिए कर चुके हैं पहल
सिर्फ सेक्स वर्कर ही नहीं, किन्नरों और डोम समाज के लिए भी मोरारी बापू का आश्रम खुला रहता था. सामाजिक तौर पर हाशिए पर रहने वाले इन दोनों तबकों के लिए मोरारी बापू कथावाचन कर चुके हैं.
पिछले साल किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की विशेष पहल पर मोरारी बापू ने मुंबई में किन्नरों के लिए कथावाचन किया था. इसी तरह वाराणसी के प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट के ठीक सामने गंगा पार डोमरी इलाके में मोरारी बापू मानस कथा सुना चुके हैं.
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