ADVERTISEMENTREMOVE AD

शाहबाद डेयरी मर्डर: लड़की के पिता बोले- अगर लोग मदद करते, तो मेरी बेटी नहीं मरती

द क्विंट ने मृतका के परिजनों से उसके सपनों, आकांक्षाओं और इलाके में महिला सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बारे में बात की

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

(पीड़ित की पहचान छिपाने के लिए कुछ नाम बदले गए हैं.)

रविवार 28 मई को दिल्ली के शाहबाद डेयारी (Shahbad Dairy Murder) इलाके में एक 20 साल के युवक ने कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की की 20 से ज्यादा बार चाकू से हमला करते हुए हत्या कर दी. मृतक लड़की के पिता रमेश (बदला हुआ नाम) ने कहा कि "यह एक हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है, लोग इन चीजों को ला रहे हैं."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंगलवार को, अपनी बेटी को खोने के दो दिन बाद, शाहबाद डेयरी में रमेश के एक कमरे के घर में शोक छा गया, क्योंकि राजनेता, रिश्तेदार और पड़ोसी उनके दरवाजे पर इकट्ठे हो गए थे. घर पर उनका 12 साल का बेटा और उसकी पत्नी थे, जो किसी से बात करने बाहर नहीं आए.

रविवार रात करीब 8:30 बजे 65 सेकेंड के एक कथित सीसीटीवी वीडियो में आरोपी को लड़की पर कई बार हमला करते और फिर उसे पत्थर से मारते हुए देखा जा सकता है.

वारदात होने के एक दिन बाद, आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या की सजा) के तहत शाहबाद डेयरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी.

आरोपी मैकेनिक को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार किया गया. रमेश अपने बेटी के साथ हुई आखिरी बातचीत को याद करते हुए कहते हैं कि

हत्या के दिन, मैंने उससे दोपहर 1:30 बजे बात की थी. उसने कहा, 'पापा क्या आपने खाना खा लिया है?' मैंने कहा हां. मैंने पूछा कि क्या वह उस रात घर आएगी, उसने कहा कि वह नहीं आएगी क्योंकि उसके दोस्त के बच्चे का जन्मदिन है. वह केक खरीदने के लिए मार्केट गई है.

द क्विंट ने पीड़िता के परिवार और पड़ोसियों से उसके सपनों, आकांक्षाओं और इलाके में महिला सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बारे में बात की.

'हाल में 10वीं की परीक्षा पास की, लॉयर बनना चाहती थी'

16 साल की मृतका ने हाल ही में 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास किया था. उसके बगल वाले घर में रहने वाले एक रिश्तेदार ने कहा कि वह एक होनहार छात्रा थी और अच्छे रिजल्ट से पास हुई थी.

उसने CBSE की 10वीं क्लास का एग्जाम पूरा किया था. मुझे नहीं पता कि उसे कितना नंबर मिला था लेकिन वह अच्छे अंकों से पास हुई.
मृतका के रिश्तेदार

उसके पिता ने क्विंट को बताया कि वह वकील बनना चाहती थी.

"उसने मुझसे कहा 'मैंने 10वीं कक्षा पास कर ली है.' मैंने कहा कि तुम आगे क्या करना चाहती हो? उसने कहा कि वह वकील बनना चाहती है. मैंने कहा 'ठीक है बेटा' अगर तुम यही चाहती हो, तो मैं तुम्हारा सपोर्ट करूंगा."

उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पत्नी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं. मेरी बेटी घर संभालने में मदद करती थी, वह अपने खाली समय में ट्यूशन पढ़ाती थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'आरोपी के लिए मौत की सजा चाहता हूं': मृतका के पिता

इस घटना के तुरंत बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजनीतिक गतिरोध शुरू हो गया. एक ने कहा कि दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है और दूसरे ने कहा कि यह 'लव जिहाद' का मामला है. एक साजिश सिद्धांत जो दावा करता है कि मुस्लिम पुरुष प्रलोभन, धोखे, अपहरण और शादी जैसे तरीकों से इस्लाम में धर्मांतरण के लिए हिंदू महिलाओं को निशाना बनाते हैं.

मंगलवार को बीजेपी नेता हंस राज हंस ने परिवार से मुलाकात की और उन्हें आर्थिक सहायता के रूप में चेक दिया.

दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने इस मामले पर चिंता जाहिर करते हुए ट्वीट भी किया.

इस बीच, दिल्ली सरकार ने भी मृतका के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मृतका के पिता ने कहा कि वह आरोपी के लिए मौत की सजा चाहते हैं

उन्होंने द क्विंट से कहा कि पहले मैं चाहता हूं कि आरोपी को मौत की सजा दी जाए. दूसरा, मैं सरकार से हमारी मदद करने का अनुरोध करता हूं...क्योंकि मेरी बेटी घर संभालती थी.

युवती की हत्या का CCTV वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. रमेश ने कहा कि उन्होंने अभी तक वो फुटेज नहीं देखी है. उन्होंने कहा कि मैं वीडियो देखना चाहता था, लेकिन लोगों ने मुझसे कहा कि मैं नहीं देख पाऊंगा.

इस बात का जिक्र करते हुए कि आसपास के लोगों ने उनकी बेटी की मदद नहीं की, उन्होंने कहा कि अगर लोग मदद करना चाहते, तो मेरी बेटी की मौत नहीं होती.

'हमेशा मुस्कुराती रहती थी, छोटे भाई का ख्याल रखी'

लड़की के रिश्तेदार ने द क्विंट को बताया कि

वह हमेशा मुस्कुराती और हंसती रहती थी और वह एक अच्छी बहन थी. वह अपने छोटे भाई की देखभाल करती थी, उसे स्कूल के लिए तैयार करती थी और उसे खाना भी खिलाती थी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक अन्य पड़ोसी, जिसने पीड़िता को बचपन से बड़े होते देखा है, वो उस लड़की के अपने घर आने की बात याद करके इमोशनल हो गई. उन्होंने कहा कि

वह अक्सर मेरे घर आती थी. मेरे बच्चों के साथ खेलने, नाचने, गाने के लिए और कभी-कभी हमारे साथ खाना भी खाती थी.

द क्विंट ने मृतका के परिजनों से उसके सपनों, आकांक्षाओं और इलाके में महिला सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बारे में बात की

पीड़िता के पिता ने कहा, 'अगर लोग मदद करना चाहते तो मेरी बेटी की जान नहीं जाती.'

(फोटो- क्विंट हिंदी/आशना भूटानी)

लड़की के पिता ने दावा किया कि वह पिछले 10 दिनों से अपने दोस्त के साथ रह रही थी, जिसके बच्चों को वह पढ़ाती थी.

उन्होंने द क्विंट को बताया कि उन्होंने साहिल के बारे में कभी नहीं सुना या उन्हें अपने घर के आसपास नहीं देखा. मृतका के पिता ने बताया कि वह साहिल के बारे में एक साल से जानते थे और वह अपनी बेटी को मना कर रहे थे कि यह "पढ़ने-लिखने की उम्र" थी.

'महिलाओं के लिए असुरक्षित इलाका?

नाबालिग लड़की के घर आस-पास रहने वाली एक महिला ने कहा

इस इलाके में बहुत सारे गुंडे और नशा करने वाले लोग हैं. अगर हम कुछ कहते हैं, तो वे हमें 'गोली मार दूंगा', 'चकू मार दूंगा' कहकर धमकी देंगे.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

इलाके में एनजीओ के साथ काम करने वाले सुनील पड़ोसियों के दावों से सहमत था. उन्होंने द क्विंट से कहा कि समस्या यह है कि यह इलाका गैंगवार, नशीली दवाओं के सेवन, मादक द्रव्यों के सेवन और शराब के लिए बदनाम है. अगर कोई इसमें हस्तक्षेप करता है या शिकायत करता है, तो आरोपी जेल से बाहर आते ही उन पर हमला कर देंगे.

पड़ोसियों ने यह भी कहा कि इलाके में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी ढिलाई बरती जाती है.

एक एनजीओ में काम करने वाली ममता ने कहा कि

इस तरह की घटनाएं इलाके में हर दिन होती हैं, सिर्फ ये घटना कैमरे में कैद हुई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×