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शाहीन बाग के लोगों ने MCD के बुलडोजर पर कहा- अवैध कब्जा था तो हटाया क्यों नहीं?

Shaheen Bagh Demolition Drive: भारी विरोध के कारण शाहीन बाग में आज नहीं चला बुलडोजर|Video

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"अगर यह सब अवैध कब्जा था तो प्रशासन (दिल्ली नगर निगम) ने इनको हटाया क्यों नहीं? MCD क्यों भाग गयी ? डरपोक हैं? वो इसलिए भागे क्योंकि उनके पास पेपर्स नहीं हैं. उनको यह पता नहीं है कि यह वैध है या अवैध"- दिल्ली के शाहीन बाग में रहने वाले 25 वर्षीय फजल अहमद ने क्विंट से यह बात कही.

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दिल्ली के शाहीन बाग में सोमवार, 9 मई को अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने के निर्धारित अभियान को स्थानीय निवासियों के भारी विरोध के बीच रोक दिया गया. ऐसे में स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले नगर निगम के 'अतिक्रमण विरोधी अभियान' के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया और जोर देकर कहा कि यहां कोई गैरकानूनी ढांचा नहीं है.

जहां कई लोगों ने इसे नगर निकाय चुनावों से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली एमसीडी की "बुलडोजर राजनीति" का नाम दिया, वहीं दूसरों ने बीजेपी पर वाजिब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस हथकंडे को अपनाने का आरोप लगाया.

मालूम हो कि 'अवैध निर्माण' गिराने दोपहर से पहले शाहीन बाग पहुंचा एक बुलडोजर करीब 1.30 बजे बेरंग लौट गया. स्थानीय लोगों के भारी विरोध-प्रदर्शन के बीच आज कोई तोड़फोड़ नहीं की गई.

"अतिक्रमण है कहां"

मोहम्मद जहीर, उसी सड़क पर मौजूद एक दुकान के मालिक हैं, जहां बुलडोजर चलाया जाना था. क्विंट से बात करते हुए मोहम्मद जहीर ने कहा कि किसी भी स्थानीय निवासी को इसकी जानकारी नहीं है कि ये कथित अवैध निर्माण कहां हैं.

"सभी ने सुबह न्यूज में देखा कि 9 मई को एमसीडी के लोग पुलिस के साथ इस सड़क पर अतिक्रमण हटाने के लिए आ रहे हैं. जाहिर सी बात है लोगों को पता ही नहीं कि अतिक्रमण है कहां , जैसा कि आप देख सकते हैं कि सड़क पहले से ही खाली है इसलिए हर कोई यह देखने आ रहा था कि अतिक्रमण है कहां"

उन्होंने आगे क्विंट को बताया कि "लोकल नेताओं ने भी आकर पूछा कि अतिक्रमण कहां हैं, हम अपने लोगों से बात करके उन्हें खुद हटा देंगे. शाहीन बाग का नाम इतना बड़ा है कि जो हो रहा था उसे देखने के लिए बहुत सारे लोग आए"

स्थानीय लोग, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान और कांग्रेस कार्यकर्ता अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए लाए गए बुलडोजर के आगे खड़े हो गए थें. मौके पर कुछ स्थानीय व्यापारियों और अन्य लोगों ने अधिकारियों से बुलडोजर न चलाने की गुजारिश की थी, और कुछ संरचनाओं को खुद हटाना शुरू कर दिया था.

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पहले से कोई नोटिस नहीं दिया गया था: दुकान के मालिक

मोहम्मद जहीर ने क्विंट को बताया कि "हमें (अतिक्रमण विरोधी अभियान) के बारे में मीडिया से पता चला कि वे कहां और कब होने वाले हैं. हमें पहले से कोई सूचना या नोटिस नहीं मिला था."

यही बात वहां के कई दूसरे दुकानदारों ने भी दोहराई. शाहीन बाग के एक दूसरे दुकानदार ने क्विंट से बात करते हुए बीजेपी की 'बुलडोजर पॉलिटिक्स' की आलोचना की.

"किसी को पर्सनली कोई नोटिस नहीं दिया गया था. यह बीजेपी की बुलडोजर राजनीति है जो मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से आई है और अब दिल्ली पहुंच गई है. वे सिर्फ शाहीन बाग में बुलडोजर चला कर मीडिया फुटेज बनाना चाहते थे , जो आज ही हुआ है. बुलडोजर आया, यहीं खड़ा रहा, और चला गया"

मालूम हो कि आज शाहीन बाग में होने वाला अतिक्रमण विरोधी अभियान क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के बाद चलाया नहीं जा सकता. 2019-20 में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम (CAA) विरोध का केंद्र शाहीन बाग ही था.

MCD के अनुसार दक्षिणी दिल्ली में अवैध निर्माण हटाने के अभियान का पहला चरण 4 मई को तुगलकाबाद के करणी सिंह शूटिंग रेंज क्षेत्र से शुरू हुआ था, और 13 मई तक जारी रहेगा.

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