दिल्ली के शाहीन बाग में लगभग दो महीने से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. ये प्रदर्शन सड़क पर चल रहा है, जिससे इस सड़क की पूरी आवाजाही बंद है. इसे लेकर कई लोग प्रदर्शनकारियों को हटाने की भी मांग कर रहे हैं, लेकिन रविवार को प्रदर्शनकारियों ने हिंदू-मुस्लिम एकता का एक उदाहरण पेश किया. दरअसल शाहीन बाग के रास्ते एक शवयात्रा निकल रही थी, जिसे देखते हुए प्रदर्शनकारी हटे और उसे रास्ता दे दिया.
इस तरह शवयात्रा को रास्ता देने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनका प्रदर्शन इस कानून के खिलाफ है. लोगों के खिलाफ नहीं. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा,
“हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं, हमने कुछ भी अलग नहीं किया है. इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है. ऐसा पहले भी होता आया है. हम लोग स्कूल की बसों और एंबुलेंस के लिए भी रास्ता छोड़ते हैं और उन्हें इस सड़क से गुजरने देते हैं.”प्रदर्शनकारी महिला
एंबुलेंस और स्कूल बस के लिए रास्ता
बता दें कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने इससे पहले भी साफ किया था कि वो स्कूली बच्चों की बस और एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए तैयार हैं. उनका कहना था कि जिन लोगों को परेशानी हो रही है वो उसे समझते हैं, लेकिन नागरिकता कानून को हटाया जाना जरूरी है.
शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी शाहीन बाग के लोगों ने जमकर वोटिंग की. लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा का सामना कर चुके सीलमपुर और माटियामहल विधानसक्षा में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई. वहीं ओखला विधानसभा में 50.05 फीसदी वोटिंग हुई. शाहीन बाग ओखला विधानसभा में ही आता है. बीजेपी ने शाहीन बाग को इस चुनाव में मुद्दा बनाया था.
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