कृषि कानूनों (Farm laws) को लेकर पिछले 7 महीने से हजारों किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. सरकार और किसानों के बीच बातचीत भी जनवरी के बाद से बंद है. ऐसे में दोबारा से बातचीत शुरू होने की उम्मीद जगी है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, "किसान यूनियनों को कृषि कानूनों के जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन बिंदुओं पर भारत सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है."
दरअसल, गुरुवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बात करनी चाहिए. किसान 6 महीने से आंदोलन कर रहे हैं और किसानों तथा केंद्र सरकार के बीच डेडलॉक हो चुका है, और वे अभी भी वहीं बैठे हुए हैं.
शरद पवार के इसी बयान के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा,
"शरद पवार ने कृषि कानूनों पर कहा है कि सभी कानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है. जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए."
नरेंद्र तोमर ने कहा, "मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं. केंद्र सरकार आपके द्वारा व्यक्त भाव से सहमत है. हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है. केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें."
बता दें कि शरद पवार UPA सरकार के समय कृषि मंत्री रह चुके हैं. इससे पहले भी वो सरकार को कृषि कानूनों में बदलाव के सुझाव दे चुके हैं.
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