दिल्ली के एक कोर्ट ने 4 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के स्टूडेंट शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को एक मामले में बरी कर दिया. ये मामला जामिया हिंसा से संबंधित 2019 की एफआईआर 296 के तहत दर्ज किया गया था. दिल्ली के साकेत कोर्ट के स्पेशल जज (NDPS) अरुण वर्मा ने आदेश दिया.
क्या था मामला? शरजील इमाम पर दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने और हिंसा में हिस्सा लेने के आरोप लगाए गए थे. इमाम पर भारतीय दंड संहिता (PIC) की कई धाराओं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने (PDPP एक्ट) की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
क्विंट से बात करते हुए, इमाम के वकील, अहमद इब्राहिम ने कहा,
"अभी आदेश सुनाया गया है. ये मामला हिंसा की एक घटना से जुड़ा था, जिस दौरान शरजील मौजूद भी नहीं था. कोर्ट ने इसे समझा और आज उसे सही तरीके से बरी कर दिया."
हालांकि, दिल्ली दंगों से संबंधित 'बड़ी साजिश' मामले में शरजील इमाम जेल में बंद हैं. उन्हें UAPA के तहत आरोपी बनाया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है.
इस साल 28 जनवरी को, उन्होंने विचाराधीन कैदी के तौर पर तीन साल की सजा पूरी कर ली थी.
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