दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में विवादित बयान देने वाले शरजील इमाम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है. बिहार के जहानाबाद जिला स्थित उसके पैतृक घर पर 26 जनवरी की रात छापेमारी की गई. वहीं, पटना, मुंबई और दिल्ली में भी छापेमारी की जा रही है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शरजील को गिरफ्तार करने के लिए क्राइम ब्रांच की पांच टीमों को भेजा गया है.
इमाम के खिलाफ दिल्ली, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में शरजील इमाम को कहता सुना जा सकता है कि असम को भारत के बाकी हिस्सों से काट देना चाहिए.
जहानाबाद के एसपी मनीष कुमार ने बताया कि 26 जनवरी की रात काको थानाक्षेत्र में शरजील इमाम के पैतिृक आवास पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद से छापेमारी की गई, हालांकि शरजील वहां नहीं मिला.
पुलिस ने इमाम के दो रिश्तेदारों और उनके ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. बाद में सभी को छोड़ दिया गया.
इमाम के खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज
भड़काऊ भाषण देने के आरोप में शरजील के खिलाफ कई राज्यों में मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने इमाम के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 153 के तहत एफआईआर दर्ज की है. असम में इमाम के खिलाफ यूएपीए के सेक्शन 13, (1)/18 और आईपीसी के सेक्शन 153ए, 153ए, 153बी और 124ए के तहत गुवाहटी क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. वहीं, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
आईआईटी-मुंबई से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन करने वाले शरजील इमाम ने जेएनयू से भी पढ़ाई की है.
“परिवार को परेशान किया जा रहा”
शरजील इममा की मां का आरोप है कि उसके बेटे के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है और उसके परिवार को परेशान किया जा रहा.
‘मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है. वो केवल एनआरसी का विरोध जता रहा था. वो कोई चोर, उचक्का नहीं है कि वो फरार है, वो जल्द ही सामने आएगा. हम सभी को कानून पर भरोसा है और उन्हें न्याय मिलेगा.’अफशां परवीन, शरजील की मां
इमाम के वायरल वीडियो में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इमाम को कहता सुना जा सकता है कि असम को भारत के बाकी हिस्सों से काट देना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है. बीजेपी का आरोप है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वो पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर सकें तो ‘असम को भारत के बाकी हिस्सों से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है... अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है.’
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)