वीडियो एडिटर-प्रशांत चौहान
‘आपके लिए जो लोग जेल में हैं, जिन लोगों ने आपके लिए लड़ा है, उनके चेहरे मत भूलिएगा’. ये बात 23 साल के शरजील उस्मानी कहते हैं, जो एंटी सीएए एक्टिविस्ट हैं. शरजील को उत्तर प्रदेश एटीएस ने 8 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया था. उन पर 15 दिसंबर 2019 को एएमयू कैंपस में हुई हिंसा में शामिल होने का आरोप लगा था.
उस्मानी को 2 सितंबर 2020 को अलीगढ़ सेशन कोर्ट से जमानत मिली. शरजील बताते हैं कि उन्हें आतंकवादी बोला जाता था. क्विंट से बात करते हुए शरजील ने बताया-
40 लोगों के कमरे में 45 लोग रह रहे थे, मुझे शाहीनबाग वाला आतंकवादी बोला जाता था, एटीएस ने गिरफ्तार किया था और उनका सवाल करने का तरीका बहुत ही अजीब था, मेरे ऊपर जो केस चले थे लो एएमयू हिंसा को लेकर चले थे, लेकिन उसके बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा गया. एक चीज और बताऊं कि पुलिस ने मेरे साथ पूछताछ नहीं की, जो किया था वो एटीएस ने ही किया था. जिन केस में मुझे बेल मिली है. उनके केस में मुझसे कोई सवाल नहीं पूछा गया.
शरजील आगे कहते हैं- ‘एटीएस एएमयू का रिफ्रेंस लेकर सवाल पूछ रहे थे, वो ज्यादातर सवाल कश्मीर को लेकर पूछ रहे थे कि आखिर कश्नीर में तुम्हारे इतने दोस्त क्यों हैं. एक और चीज जो सबसे के लिए परेशान का सबब होना चाहिए वो ये कि प्राइवेसी नाम की कोई चीज नहीं है ऑनलाइन, उनके पास Whatsapp चैट की पूरी डिटेल थी मैं किसके क्या बात कर रहा हूं.’
शरजील कहते हैं कि मुझे एटीएस ने जिस तरह से गिरफ्तार किया, वो सही नहीं था, उन्होंने मेरे परिवार को भी नहीं बताया कि कहां ले जा रहे हैं और किस लिए ले जा रहे हैं.
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